दिल्ली। हिन्दू धर्म में पितृपक्ष को बेहद खास मान्यता दी जाती है. 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष का आरंभ हो जाते हैं और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या पर होता है। इस साल पितृपक्ष का समापन 14 अक्तूबर को होगा। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं।
माना जाता है कि पितृपक्ष में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर विचरण करते हैं और कई माध्यमों से हमें अच्छे और बुरे का संकेत भी देते हैं। इन्हीं में से एक संकेत है पितरों का हमारे सपने में आना। पितृपक्ष के दिनों में यदि आपको भी सपने में पूर्वज दिखाई दें, तो इसे अनदेखा न करें। स्वप्न शास्त्र के अनुसार इसका कोई न कोई मतलब जरूर होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान सपने में पितरों के दिखाई देने का क्या मतलब होता है…
पूर्वजों को बहुत करीब देखना
यदि आप सपने में अपने किसी पूर्वज को स्वयं के बहुत करीब देखते या महसूस करते हैं, तो इसका मतलब यह होता है कि आपके पूर्वज अभी भी परिवार के मोह को नहीं छोड़ पाए हैं। इसके लिए उसके नाम से अमावस्या को धूप दिखानी चाहिए साथ ही पितृपक्ष में उनकी आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान करवाना चाहिए।
सपने में बार-बार पूर्वजों का दिखाई देना
यदि आपको बार-बार पितरों से जुड़े सपने आते हैं तो इसका मतलब उनकी कोई इच्छा अधूरी रह गई है। आपके सपने में आकर वे आपसे कुछ कहना चाहते हैं। ऐसे में आपको अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पाठ करवाना चाहिए। साथ ही उनके नाम से दान-पुण्य करना चाहिए।
प्रसन्न मुद्रा में पूर्वज का दिखाई देना
स्वप्न शास्त्र के अनुसार यदि आपके सपने में पूर्वज प्रसन्न मुद्रा में या आशीर्वाद देते हुए दिखाई देते हैं तो यह शुभ संकेत है। ऐसे सपने का मतलब आपके पूर्वज आपसे खुश हैं और उन्होंने आपके श्राद्ध को स्वीकार कर लिया है।
शांत दिखाई देना
स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में आपको पूर्वज शांत मुद्रा में दिखाई देना भी सही रहता है। ऐसे सपने इस बात का संकेत देते हैं कि आपके पूर्वज आपसे संतुष्ट हैं और जल्दी ही आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है।