: बच्चे नादान होते हैं, उन्हें सही-गलत का पता नहीं होता है, इसलिए वे छोटी-छोटी बातों को लेकर झूठ बोलते हैंI कई बार तो बच्चे दोस्तों के सामने वाहवाही बटोरने के लिए भी झूठ बोलते हैं, ताकि सब दोस्त सोचे कि इसकी लाइफ कितनी अच्छी हैI इसी वाहवाही के कारण बच्चे को झूठ बोलने की ऐसी आदत लग जाती है कि वह स्कूल में भी नहीं देखताteacher कि वह किससे और क्या झूठ बोल रहा हैI यहाँ तक कि बच्चा स्कूल टीचर से भी ऐसे कई झूठ बोलता है, जिसके बारे में पेरेंट्स को दूर-दूर तक नहीं पता होता है और जब उन्हें यह बात पता चलती है तब तक काफी देर हो गई होती हैI इसलिए समय रहते बच्चे की इस गलत आदत को सुधारना बहुत जरूरी है, वरना बच्चा इसकी वजह से किसी बड़ी मुसीबत में भी फँस सकता हैI
टीचर से लेते रहें फीडबैक आपका बच्चा स्कूल से आकर आपको जो भी बातें बताता है, उस पर एकदम से आँख बंद करके यकीन ना करें, बल्कि स्कूल टीचर से भी फीडबैक लेंI कई बार देखा जाता है कि बच्चे स्कूल टीचर से कुछ और कहते हैं और घर आकर मम्मी को कुछ और ही बताते हैंI इसलिए आप इस परेशानी से बचने के लिए टीचर से मिलकर बच्चे का फीडबैक लेते रहेंI बच्चे के दोस्तों से बात करें आपका बच्चा आपसे सच बोलता है या झूठ इस बात का पता लगाने के लिए आप अपने बच्चे के दोस्तों से बात करेंI उनसे जानने कि कोशिश करें कि बच्चा दोस्तों के सामने कैसे बात करता है, उनसे क्या-क्या बताता है, ताकि बच्चे के झूठ बोलने की आदत को सुधारने में आपको आसानी होI
बच्चे को ईमानदार बनना सिखाएं पेरेंट्स के रूप में आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चे को ईमानदार बनना सिखाएंI उसे बताएं कि सच बोलने की ताकत क्या होती है और सच बोलना क्यों जरूरी होता हैI यह सिर्फ आप बच्चे के लिए नहीं करें, बल्कि खुद भी सच बोलने और ईमानदार बनने की आदत डालेंI अगर आप बच्चे को ईमानदार बनना सिखाएंगी और खुद उसके सामने झूठ बोलेंगी या गलत काम करेंगी, तो बच्चे को यही लगेगा कि मम्मी कर सकती है तो मैं क्यों नहींI इसलिए बच्चे को सुधारने के साथ-साथ खुद को भी सुधारेंI हर गलती पर बच्चे को सजा ना दें अगर आप बच्चे को हर छोटी-बड़ी गलती पर सजा देती हैं तो वह आपकी इस सजा से बचने के लिए eedbackझूठ का सहारा लेने लगता है और जब वह देखता है कि वह झूठ बोल कर बच जा रहा है तो वह यही तरीका स्कूल में भी अपनाने लगता हैI