नई दिल्ली। हर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का काफई महत्व होता है। इतनी ही नहीं सब 9 ग्रहों का प्रभाव भी जातकों के जीवन पर पड़ता है। लेकिन आम तौर पर राहु और केतु से लोग डरते हैं। मान्यता है कि इनका जन्म एक ही राक्षस के शरीर से हुए है, सिर वाला भाग राहुल कहलाता है और धड़ वाला भाग केतु। दोनों को ज्योतिष में छाया ग्रह कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो केतु भी राहु की ही तरह एक क्रूर ग्रह है।
केतु के प्रभावों की बात करें तो उसके प्रभाव शुभ भी होते हैं और अशुभ भी। दोनों तरह के प्रभाव वाला केतु अगर अशुभ होता है तो पीड़ित का करियर भी खराब कर देता है और शुभ होता है तो तरक्की दिलाता है और धन वर्षा भी होती है। केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। ये ऐसे उपाय हैं जिन्हें आप आसानी से कर भी सकते हैं और केतु के दुष्प्रभाव से छुटकारा भी हासिल कर सकते हैं।
गाय और कुत्ते का भोग
केतु की अशुभ दशा को खत्म करने या दूर करने के लिए आप गाय और कुत्ते को खाने का भोग लगा सकते हैं। एक दिन में अलग अलग रंग के कुत्तों को खाने खिलाने से काम ज्यादा आसान हो जाएगा। उसी तरह भूरी या लाल सी दिखने वाली गाय को हरा चारा खिलाना ज्यादा बेहतर उपाय माना जाता है।
कोयले का उपाय
केतु के लिए ये वाला उपाय आपको हफ्ते में सिर्फ एक दिन करना है। मंगलवार के दिन कोयले के आठ टुकड़े लेने हैं और उन्हें पानी में बहा दें। इसके अलावा आप लाल चीटियों को खाना भी खिला सकते हैं, इसे भी शुभ माना जाता है। साथ ही दिव्यांगों को कपड़े दान करने से भी काम बन सकता है।
भैरवदेव की उपासना
भगवान भैरवज की उपासना करने से भी केतु का प्रभाव कम होता है। इसके अलावा अपने साथ आप हमेशा एक हरे रंग का रुमाल रखें। भैरव देव के सामने केले के पत्ते में चावल का भोग लगाएं।
तिल का दान
केतु की शांति के लिए सुहागिनों को तिल के लड्डू का दान देना चाहिए। इसके अलावा कन्याओं को रविवार के दिन मीठा दही और हलवा खिलाना चाहिए।