नई दिल्ली:– सिंदूर का महत्व सुहागिन महिलाओं के जीवन में सबसे खास होता है। ऐसी मान्यता है कि महिलाएं जितना सिंदूर लगाती हैं उनके पति की आयु उतनी ही लंबी होती है। सिंदूर लगाने के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। मान्यता है कि सिंदूर लगाते वक्त इन नियमों का पालन करने से आपके पति की आयु लंबी होने के साथ ही आपके प्रेम संबंधों में बेहतर सामंजस्य स्थापित होता है। साथ ही आपके घर में सुख शांति स्थापित होती है और पति का आपके प्रति प्रेम बढ़ता है। आइए जानते हैं क्या हैं सिंदूर लगाने के खास नियम।
सिंदूर लगाते समय आपको सही दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। सिंदूर लगाते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए और इसके साथ ही ईशान कोण भी इसके लिए शुभ है। वास्तु के अनुसार उत्तर और पूर्व दिशा में देवताओं का वास होता है। इस दिशा में मुख करके सिंदूर लगाने से आपको ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है और साथ ही आपके विवाहित जीवन पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। इसलिए जब भी आप सिंदूर लगाएं तो ध्यान रखें कि आपका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। भूलकर भी दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके सिंदूर न लगाएं।
सिंदूर की डिब्बी में एक चांदी का सिक्का रखिए और इसी सिक्के से हर दिन मांग में सिंदूर लगाइए। आप अपनी शादी याद कीजिए आपकी मांग सिक्के से भरी गई होगी। दरअसल इससे देवी लक्ष्मी और माता पार्वती की कृपा बनी रहती है और जीवन में प्रेम और सुख सौभाग्य बना रहता है। जब भी सिंदूर लगाएं तो चांदी के सिक्के से लगाएं, ऐसा करने से आपके घर में बरकत बढ़ती है और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से कभी धन धान्य की कमी नहीं होती है।
ऐसी मान्यता है कि सिंदूर लगाने के बाद महिलाओं को सबसे पहले पति का चेहरा देखना चाहिए। पति की नजर जब आपके सिंदूर पर पड़ेगी तो आपके प्रेम संबंधों में प्यार और मिठास बढ़ेगी। इससे आपके बीच प्रेम भाव बढ़ता है और सुहाग की उम्र भी लंबी होती है। माना जाता है कि सिंदूर आपके सुहाग का गहना होता है और यह प्रेम का प्रतीक होता है, इसलिए सिंदूर लगाने के बाद सबसे पहले आपको पति का चेहरा देखना चाहिए। अगर आपके पति कहीं जरूरी काम से बाहर गए हों तो सिंदूर लगाने के बाद सबसे पहले पति की तस्वीर देखनी चाहिए। ऐसा करने से आपके मन में पति के लिए प्यार बढ़ता है।
देवी पार्वती की पूजा के लिए जो आप सिंदूर अर्पित करते हैं। उस सिंदूर को थोड़ा सा लेकर अपने सिंदूरी की डिब्बी में मिला लीजिए और इसी से हर दिन मांग में सिंदूर लगाइए। देवी पार्वती की कृपा आपके सुहाग पर बनी रहेगी। इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा में इस्तेमाल होने के बाद बचे हुए सिंदूर को यहां वहां न छोड़ें, बल्कि इस सिंदूर को अपने श्रृंगार की सामग्री के साथ में रखें। ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में प्रेम और सद्भावना बनी रहती है और आपसी सामंजस्य बेहतर होता है।
मासिक धर्म के दौरान सोमवार को सिर से स्नान करके सिंदूर को नहीं धोना चाहिए। विशेष स्थिति में रविवार को ही सिर से स्नान कर लेना चाहिए। साथ ही यह भी माना जाता है कि जिन महिलाओं की पहली संतान पुत्र हो उन्हें सोमवार के दिन सिंदूर धोकर स्नान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पति और संतान दोनों का जीवन समस्याओं से भर जाता है।