: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम-प्रोफेशन और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन नहीं बना पा रहे हैं. ऑफिस के अत्यधिक दबाव और जिम्मेदारियों के कारण मानसिक तनाव-अवसाद बढ़ रहा है. इसका असर हमारी हेल्थ पर भी पड़ता है. इसलिए व्यस्तता से ब्रेक लेकर खुद को समय देना बहुत जरूरी है।
दो दिन पहले मीडिया में खबर आई थी कि अत्यधिक काम के दबाव के कारण पुणे में एक 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट की मृत्यु हो गई. यह घटना दिखाती है कि काम का दबाव कितना गंभीर हो सकता है! आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग ऑफिस के काम, रिश्ते, जिम्मेदारी और कर्तव्यों के बीच फंसे हुए हैं. सुबह हो या रात, कोई भी शिफ्ट हो, उठते ही हमारे दिमाग में एक ही बात चलती है- ‘मुझे ऑफिस जाना है’. इस व्यस्तता में इंसान खुद को भूल जाता है. जिसके कारण कई लोग मानसिक अवसाद और चिंता से पीड़ित हो रहे हैं. हाल की घटना इसका ताजा उदाहरण है कि परिणाम कितने भयावह हो सकते हैं.ऐसे में कामकाजी लोगों को नियमित अंतराल पर ब्रेक लेने की जरूरत है और आप निम्नलिखित सवालों के जवाब से जान पाएंगे कि आपको ब्रेक लेने की जरूरत है?
ऑफिस में बोरियत महसूस हो रही है?ऑफिस के काम और घर पर ईमेल चेक करना पड़ता है?क्या आप जल्दी थक जाते हैं?क्या आप काम में पिछड़ रहे हैं और काम पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है?क्या आप मल्टीटास्किंग हैं?सप्ताह में 50 घंटे से अधिक काम करना? (ऑफिस समेत घर पर)क्या आप हमेशा अपने बॉस या सहकर्मियों के कॉल के लिए फोन पर लगे रहते हैं?क्या आप कार्यालय समय के बाद और छुट्टियों पर ऑफिस कॉल कर रहे हैं?क्या आपको लगता है कि आपके पास वह करने का समय नहीं है जो आपको पसंद है?क्या आप ऑफिस आने से डरते हैं या अनिच्छुक हैं?क्या दिन बीताते जा रहे हैं?कुछ दिनों की छुट्टी लेने में परेशानी हो रही है?क्या आपको अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संतुलन बनाना मुश्किल हो रहा है?काम के दबाव से अभिभूत महसूस कर रहे हैं? घबराहट महसूस हो रही है?
यदि उपरोक्त 7 प्रश्नों का आपका उत्तर ‘हां’ है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि आपको ब्रेक लेने की आवश्यकता है. काम से छुट्टी लें और खुद को कुछ समय दें. ऐसे काम करें जिससे आपको शारीरिक और मानसिक शांति मिले. ऐसा करके आप नए उत्साह के साथ अपने ऑफिस पर लौट सकते हैं और दृढ़ संकल्प और जिम्मेदारी के साथ काम कर सकते हैं.
निम्नलिखित संकेत दिखें तो ब्रेक लेने की जरूरत है?बार-बार बीमार होनाकमजोरी महसूस होनामूड में बदलाव/चिड़चिड़ापनखान-पान की आदतों में बदलावएकाग्रता का अभावनिराशा रहती हो.हर समय थकान महसूस होनादोस्तों, परिवार और सहकर्मियों से बचनामाइग्रेन और सिरदर्दकाम के प्रति जुनूनी/ठीक से काम करने में असमर्थतातनाव दूर करने के लिए दवाएं लेनाअधिक सोना या नींद न आना