: रक्षाबंधन के त्योहार के बाद सावन का महीना बीत जाएगा. इसके साथ ही, खत्म हो जाएंगी लोगों के खान-पान पर लगीं पाबंदियां. जी हां, कुछ लोग सावन के महीने में अंडे और चिकन जैसी नॉन वेज चीजों को महीनेभर के लिए छोड़ देते हैं. ज्यादातर लोग ऐसा धार्मिक कारणों के चलते ऐसा करते हैं.दरअसल, सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है. यही वजह है कि कुछ लोग सावन के महीने में नॉन वेज खाना छोड़ देते हैं. लेकिन धार्मिक कारणों से इतर नॉन वेज नहीं खाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. सावन में तेज बारिश होने के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है, जिसके बाद फंगल इंफेक्शन, फफूंदी और फंगस का खतरा बढ़ने लगता है.इसके अलावा, नमी वाले इस वातावरण में पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है.
नॉन वेज फूड्स को पचाने में ज्यादा वक्त लगता है, ऐसे में इस मौसम के दौरान नॉन वेज नहीं खाने की सलाह दी जाती है. बहरहाल, सावन का महीना बीत गया है और जो लोग नॉन वेज फिर से शुरू करना चाहते हैं, उन्हें खाने से पहले कुछ जरूरी टिप्स बता देते हैं- जिससे उनकी हेल्थ को नुकसान पहुंचे.खा सकते हैं नॉन वेजबिल्कुल, आप एक महीने के लंबे गैप के बाद नॉन वेज खा सकते हैं. आपके शरीर ने नॉन वेज को पचाने की क्षमता नहीं खोई है. हालांकि, पहली बार मीट खाने के बाद आप थोड़ा हैवी फील कर सकते हैं. लेकिन ऐसा तब हो सकता है, जब आपने ज्यादा नॉन वेज खा लिया हो
.कैसा मीट खाएंअगर आप लंबे ब्रेक के बाद नॉन वेज खाना शुरू कर रहे हैं तो हल्की चीजों से शुरूआत करें. आप सबसे पहले अंडे, फिश या पोल्ट्री जैसे हल्के किस्म वाला नॉनवेज का सकते हैं. इसके बाद ही, आप हैवी नॉन वेज वाले फूड्स को खाएं.कम मात्रा में खाएंकोशिश करें की नॉन वेज को कम मात्रा में खाना शुरू करें. इससे पेट में दर्द, एसिडिटी या ब्लोटिंग की दिक्कत नहीं होगी. यानी आपको नॉन वेज खाते समय माइंडफुल ईटिंग का ध्यान रखना है.मसालों का रखें ध्यानइसके साथ ही, नॉन वेज शुरू करने के दौरान मसालों का जरूर ध्यान रखें. ज्यादा मसाले या मिर्च का इस्तेमाल न करें. इससे पेट खराब होने का रिस्क रहता है.