नई दिल्ली:- हिंदू धर्म में विभिन्न प्रकार की पूजा-अर्चना की जाती है. वास्तुशास्त्र में पूजा करने के नियम बताए गए हैं. उन्हीं नियमों में से एक नियम है जलपात्र को पूजा घर में खाली ना रखने का. इस नियम के अनुसार पूजा घर में कभी भी जलपात्र को खाली नहीं छोड़ना चाहिए. अगर आप पूजा घर में जलपात्र को खाली रखते हैं, तो आपको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है. यानी आपके हाथ में लक्ष्मी नहीं रहेगी.
जलपात्र में गंगाजल और तुलसी के पत्ते रखना जरुरी: वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा करने के बाद पूजा घर में रखे जलपात्र को कभी भी खाली नहीं रखना चाहिए. जलपात्र में सादा पानी, गंगाजल और तुलसी के पत्ते जरुर रखना चाहिए. इस संबंध में कहा जाता है कि अगर पूजाघर में विराजमान भगवान को प्यास लगती है, तो वो पूजा घर में रखे जलपात्र में से पानी ग्रहण करते हैं.
जलपात्र से पानी ग्रहण करना लाभकारी: वहीं, पूजाघर में रखे जलपात्र से पानी पीना शुभ और लाभकारी माना जाता है. जलपात्र से पानी पीने पर घर में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मकता पैदा होती है. इसके अलावा रोगों से मुक्ति भी मिलती है.
जानें कैसे क्या हैं पूजा करने के नियम: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजा करनी चाहिए. साथ ही पूजा घर के ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए. इसके अलावा पूजा हमेशा आसन पर बैठकर करना चाहिए. पूजा करते समय शंख का उपयोग करना चाहिए और भगवान के साथ-साथ अपने पूर्वजों की भी पूजा करना चाहिए. पूजाघर में बासा फूल या हार को नहीं रखना चाहिए. पूजा घर में सात्विक रंग का उपयोग करना चाहिए.