*रायपुर:-* असंतुलित खानपान और अनियमित दिनचर्या की वजह पेट से जुड़ी समस्याएं आम हो चुकी है। खासकर पेट में गैस बनने की समस्या से आजकल ज्यादातर लोग परेशान हैं,वहीं इसके निजात के लिए प्रयोग में आने वाली दवाइयों का भी अपनी सीमाएं और नुकसान हैं। ऐसे में गैस की समस्या के लिए प्राकृतिक उपाय ही अधिक सुरक्षित और मददगार माने जाते हैं।जब बात प्राकृतिक उपाय की हो तो योग के अभ्यास से अधिक कारगर क्या हो सकता है? इसलिए यहां इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बता रहे हैं जो गैस्ट्रिक से निजात दिलाने में सहायक हो सकते हैं। दरअसल, हमने इस बारे में ‘मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान’की योग प्रशिक्षक मधु खुराना से बात की और उनसे मिली जानकारी यहां हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।हमारी योगा एक्सपर्ट मधु खुराना बताती हैं कि योग के जरिए पेट की गैस की समस्या के निदान के लिए योगासनों के साथ ही कुछ यौगिक क्रियाओं का अभ्यास किया जाता है। इसके अलावा पेट की गैस की समस्या से निजात के लिए खान-पान और व्यक्ति की शारीरिक गतिविधियों में भी उचित परिवर्तन जरूरी होता है। सबसे पहले हम यहां उन योगासनों के बारे में बात कर लेते हैं, जो पेट में गैस बनने से राहत दिलाने में उपयोगी माने जाते हैं। *वज्रासन*पेट से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में वज्रासन का अभ्यास बेहद उपयोगी माना जाता है। वहीं यह एकमात्र ऐसा आसन है जिसका अभ्यास खाने के बाद उपयोगी माना गया है। असल में इस आसन को करने के दौरान शरीर में रक्त का संचार नाभि केंद्र की ओर रहता है, जिससे पाचन शक्ति बढ़ती है। ऐसे में इसके नियमित अभ्यास से अम्लपित्त, गैस, कब्ज और पेट से संबंधित दूसरी समस्याएं दूर होती हैं। आसन विधि- बात करें इसके अभ्यास की तो इसके लिए आपको अपने घुटनों को मोड़कर पंजों के बल सीधा बैठना है। इस दौरान आपके दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिलें हो लेकिन दोनों पैरों की एड़ियों में थोड़ी सी दूरी होनी चाहिए। इस स्थिति में आपके शरीर का पूरा भार पैरों पर होगा और दोनों हाथ जांघों पर स्थिर रहेंगे। वहीं ध्यान रहे कि सिर, गर्दन और पीठ यानी कमर से ऊपरी भाग एक सीध में होना चाहिए। इस अवस्था में शांत चित्त हो कर आपको लंबी-गहरी सांसें लेते हुए कुछ देर तक बैठना है। शुरुआत में आप 1-3 मिनट तक का इसका अभ्यास करें और फिर जैसे-जैसे आपके लिए इस अवस्था में बैठना आसान हो जाए तो आप इसका 10 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं।*पवनमुक्तासन*पेट में बनने वाले गैस से निजात दिलाने में दूसरा सबसे उपयोगी योगासन ‘पवनमुक्तासन’ माना जाता है। दरअसल, इसका अभ्यास खासतौर पर उदर यानी कि शरीर के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी के मरोड़ शामिल आंतरिक अंगों के लिए लाभकारी होता है। इसके नियमित अभ्यास से गैस्ट्रिक और पेट के दूसरे विकारों से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह पेट की अतिरिक्त चर्बी से भी निजात दिलाने में सहायक माना जाता है।*गैस की समस्या से निजात के लिए ‘षट्कर्म कुंजल*हमारी योगा एक्सपर्ट मधु खुराना बताती हैं कि पेट में बनने वाली गैस की समस्या से निजात दिलाने में ‘षट्कर्म कुंजल’ भी काफी हद तक मददगार है। असल में ‘षट्कर्म ’ में 6 तरह की यौगिक शुद्धता कर्म शामिल हैं, इनमें से कुंजल का अभ्यास पेट को आंतरिक रूप से साफ करने के लिए किया जाता है। इसके लिए हल्का गुनगुना नमकीन जल पीकर उल्टियां करनी होती है ताकि पेट में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकें। इसके अभ्यास से शरीर में जाम पित्त बाहर निकल जाती है और गैस की समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाती है। लेकिन ध्यान रहे इसका अभ्यास हमेशा किसी कुशल योग प्रशिक्षक की देख-रेख में ही करना चाहिए। ताकी किसी भी तरह की असहजता और परेशानी से बचा जा सके।*खान-पान और दिनचर्या को नियमित करना भी है जरूरी*इनके अलावा गैस्ट्रिक की समस्या से बचने के लिए खान-पान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए अधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन के सेवन से बचें। साथ ही आहार में पपीता, दही, हल्दी, अनानास, अदरक और हींग से पाचक खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। वहीं पेट की समस्या को दूर करने के लिए आपको अपनी शारीरिक गतिविधि भी बढ़ानी होगी, ताकि पाचन दुरुस्त हो और उससे जुड़ी समस्याएं कम हो सकेँ।