सरगुजा:- किसी भी वजह से अगर आप 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं तो कोई टेंशन की बात नहीं है. आप फिर से परीक्षा देना चाहते हैं तो बस अपनी पढ़ाई चालू कर दें. फिर से परीक्षा में बैठने के लिए उम्र की कोई बाधा महिलाओं के लिए नहीं है. इस सुविधा का लाभ 14 साल से अधिक उम्र की बेटियां भी उठा सकती हैं. अपने जीवन में दोबारा से पढ़ाई शुरु करने का ये सुनहरा मौका है. परीक्षा देकर आप आगे का अपना भविष्य सुधार सकती हैं.
फिर से देना चाहते हैं 10वीं की परीक्षा: दरअसल, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन नामक संस्था ’रिमोट सेकंड चांस’ प्रोग्राम चला रही है. इसके तहत छत्तीसगढ़ की किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को ओपन बोर्ड के माध्यम से कक्षा दसवीं की तैयारी का एक अवसर दिया रहा है. यह कार्यक्रम उन महिलाओं और किशोरियों के लिए है, जो किसी कारण से औपचारिक शिक्षा से दूर हो गईं हैं.
प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन: प्रथम संस्था एक समाजसेवी संगठन है जो शिक्षा के क्षेत्र में सालों से काम कर रही है. संस्था किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को दसवीं की परीक्षा की तैयारी के लिए मुफ्त ऑनलाइन प्रशिक्षण सहित, प्रतिभागियों को बुनियादी शिक्षा से लेकर मुख्य विषयों की जानकारी देती है. संस्था की कोशिश होती है कि परीक्षार्थी अपनी मेहनत की बदौलत ओपन बोर्ड की परीक्षा सफलता पूर्वक पास कर सके.
रिमोट सेकंड चांस’ प्रोग्राम: रिमोट सेकंड चांस में केवल 14 वर्ष से अधिक आयु की किशोरी बालिकाएं और महिलाएं परीक्षा देने की हकदार होंगी. इसमें निःशुल्क ऑनलाइन शिक्षा सामग्री और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा. ओपन बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरवाने और परीक्षा दिलवाने की व्यवस्था भी की जाएगी. इसके साथ ही आगे की शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और आत्मनिर्भरता के लिए प्रोत्साहित करने का काम भी किया जाएगा.
पंचायत स्तर पर तैयार होगी सूची: प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से भेजे गए पत्र के आधार पर पात्र और इच्छुक लाभार्थियों की पंचायतवार सूची तैयार कर संस्था को दी जाएगी, जिससे कोई भी पात्र महिला या किशोरी इस अवसर से छूट न रह जाए इसकी व्यवस्था की जाएगी. जिला प्रशासन इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए स्थानीय अमले को सक्रिय रूप से जोड़ते हुए नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करेगा.
साक्षर भारत अभियान: साक्षर भारत अभियान के जिला समन्वयक गिरीश गुप्ता ने बताया की “इस योजना को प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाएगा, लेकिन प्रशासन भी इसमें समन्वय करेगा ताकी ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें. इस योजना की खास बात ये की किसी भी कक्षा से ड्रॉप आउट या नव साक्षर महिला या बालिका भी सीधे 10वीं की परिक्षा दे सकेगी. सारा खर्चा फाउंडेशन करेगा, हितग्राहियों को कोई भी खर्च नही देना होगा. दस महीने तक उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा, दसवी का स्लेबस तैयार कराया जाएगा और फिर ओपन बोर्ड के माध्यम से परिक्षा दिलाई जायेगी.