नई दिल्लीः– दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हुई हैं। इस बीच वक्फ बोर्ट के इमाज केजरीवाल की सियासी साख पर बट्टा लगा रहे हैं। दरअसल दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमाम वेतन जारी होने में देरी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी से बात करते हुए ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के चेयरमैन साजिद रशीदी ने दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों को वेतन जारी करने में हो रही देरी पर निराशा जताई।
रशीदी ने कहा कि उन्हें पिछले 17 महीनों से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वे लगातार सरकार के कई अधिकारियों और नेताओं से मिल रहे हैं, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रशीदी ने दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर उनका वेतन मंजूर नहीं किया गया तो इमाम यहीं धरने पर बैठेंगे और तब तक नहीं उठेंगे जब तक उन्हें वेतन नहीं मिल जाता।
उन्होंने कहा कि 17 महीने हो गए हैं और हमें वेतन नहीं मिला है। हम पिछले 6 महीने से इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहे हैं। हम सीएम, एलजी और सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों से मिल चुके हैं। यही कारण है कि हम सभी आज यहां एकत्र हुए हैं, अगर वे हमें अभी हमारे सवालों के जवाब नहीं देते हैं, तो हम यहां धरने पर बैठेंगे और तब तक नहीं उठेंगे जब तक हमें हमारा वेतन नहीं मिल जाता।
रशीदी ने आगे कहा कि वे अपनी समस्या के समाधान के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से भी मिले, लेकिन इस संबंध में कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “पिछले छह महीने से हम अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हम उनसे 50 से अधिक बार मिल चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है। हमें सीएम आतिशी से मिले 20 दिन हो गए हैं। उन्होंने कहा था कि 4-5 दिनों में समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
पहाड़गंज के एक अन्य इमाम ने भी कहा कि उन्हें पिछले 17 महीनों से वेतन नहीं मिला है और वे सत्तारूढ़ पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से अनुरोध करने आए हैं कि वे अपना 17 महीने का लंबित वेतन दिलाएं। मोहम्मद इब्राहिम ने कहा, “मैं पहाड़गंज, नई दिल्ली में स्थित एक मस्जिद में इमाम हूं। हम दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमाम हैं। पिछले 17 महीनों से हमें अपना वेतन नहीं मिला है।
गौरतलब है कि यह प्रदर्शन चुनाव के वक्त आप को भारी पड़ सकता है। एंटी एनकंबेसी झेल दिल्ली सरकार को मुस्लिम वोट बैंक झटका दे सकता है। इसका बड़ा कारण 17 महीनों से रुका इमामों का वेतन है।