नई दिल्ली:- पितृपक्ष चल रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि इस समय जिस चीज का दान किया जाता है, उसका कई गुणा फल आपको मिलता है. इतना ही नहीं पितृपक्ष में किए दान-पुण्य का लाभ कई पीढ़ियों को मिलता रहता है. यही कारण है कि पितृपक्ष के समय दान का महत्व बढ़ जाता है.
पितृपक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के साथ ही दान का भी महत्व है. मान्यता है कि इस समय अन्न, जल, वस्त्र आदि का दिया गया दान पितरों तक पहुंचता है. साथ ही दान देने वालों को भी इसका कई गुणा लाभ प्राप्त होता है.
लेकिन कुछ ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें पितृपक्ष के समय भूलकर भी दान नहीं करना चाहिए. अगर आप पितृपक्ष के समय इन चीजों का दान करेंगे तो आप कंगाल भी हो सकते हैं. इसलिए यह जान लीजिए की वो कौन सी चीजें हैं, जिन्हें पितृपक्ष के समय दान करने से बचना चाहिए.
नमक का दान: पितृपक्ष के समय भूलकर भी नमक का दान न करें. मान्यता है कि नमक के दान से पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती. साथ ही पितृपक्ष में नमक के दान से कर्म और कष्टों के कारक शनि देव की ऊर्जा भी बढ़ जाती है.
झाड़ू का दान: पितृपक्ष के समय व्यक्ति को झाड़ू का दान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपको धन-संबंधी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इतना ही नहीं पितृपक्ष में घर के लिए भी नई झाड़ू की खरीददारी नहीं करनी चाहिए.
सरसों तेल का दान: पितृपक्ष के दौरान ना ही सरसों तेल की खरीददारी करनी चाहिए और ना ही सरसों तेल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से पितृ नाराज होते हैं. लेकिन आप घी का दान इस समय कर सकते हैं.
लोहे के बर्तन: लोहे के बर्तन या फिर टूटे-फूटे बर्तनों का दान पितृपक्ष के समय करना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा करने से आपको पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही पितृपक्ष में लोहे के दान से पितृदोष लगता है.
कपड़ों का दान: पितृपक्ष के समय कई लोग कपड़े का दान करते हैं. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस समय पुराने या फटे कपड़ों का दान न करें. साथ ही जूते-चप्पलों का दान भी पितृपक्ष में नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से राहु ग्रह प्रभावित होता है.