आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका प्रदेश अध्यक्ष गुरमीत कौर के नेतृत्व आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर अड़ी है उनका कहना है वर्ष 1975 से आंगनवाड़ी केंद्रों के समेकित महिला बाल विकास योजनाओं का संचालन हो रहा है जिसमें लाखों की संख्या में आंगनबाड़ी कर्मी कार्यरत हो योजनाओं को सफलीभूत कर रही हैं जिसके अंतर्गत 0 माह से 6 वर्ष आयु बच्चों के पोशण स्वास्थ्य देखरेख अनौपचारिक शिक्षा पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने किशोरी बालिका गर्भवती माताओं बच्चों को कुपोषण से बचाने आवश्यक पोषण आहार विटामिन प्रोटीन टीकाकरण कर्मियों द्वारा किया जाता रहा है।
इसके अलावा बीएलओ आर्थिक जनगणना,पल्स पोलियो,फाइलेरिया, राशन कार्ड,ओडीएफ,कोविड-19 सर्वे,डोर टू डोर वैक्सीनेशन प्रचार-प्रसार,केंद्रों की पंजिया ऑनलाइन एंट्री,पोस्ट ट्रैकर,एमपीआर में बच्चों के वजन त्यौहार ऑनलाइन एंट्री सहित 10 घंटे से भी अधिक कार्य कराया जाता है कोरोना में प्रथम लाइन में खड़े होकर सरकारी कर्मियों के कंधे से कंधा मिलाकर जान की बिना परवाह किए योद्धा के रूप में कार्य कर रही हैं वर्तमान में कुपोषण,शिशु मृत्यु दर में कमी में आंगनबाड़ी कर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आरोप है सरकार एक तरफ महिलाओं के उत्थान आत्मनिर्भर बनाने योजनाएं लारही हैं आंगनबाड़ी कर्मीयों को सभी योजनाओं से दरकिनार कर उपेक्षित किया जा रहा है जबकि चुनावी घोषणा पत्र पर आंगनबाड़ी कर्मियों का विशेष ध्यान रखा गया था उपेक्षा होने ध्यानाकर्षण करते हुए बुनियादी सुविधाओं संबंधित मागे पारिश्रमिक बढ़ोतरी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर शांति विरोध प्रदर्शन कर काम बंद हड़ताल शुरू कर दी।
इस अवसर पर जिला अनुभाग प्रभारियों द्वारा अपनी बातों को रखते हुए सरकार का ध्यान आकर्षित करा मांगों को दोहराई जिसमें मुख्य रुप से अंजली पटेल संयुक्त महामंत्री छत्तीसगढ़ प्रदेश हेमलता कंवर जिला अध्यक्ष,मीना सोनी,चंपा पैकरा,कुमारी पटेल,संध्या ठाकुर,सुमन सारथी,मनू श्रीवास्तव,रोशन उपाध्याय,मंजू सिंह,श्यामलता,यादव,सुनीता,संगीता देवी,संत मति एक्का सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता सहायिका उपस्थित रही।