)चेन्नई : भारतीय एयरोस्पेस उद्योग ने रुमी-1 को लॉन्च कर शनिवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की. रुमी-1 देश का पहला हाइड्रोलिक मोबाइल लॉन्च सिस्टम है. इसके तहत आप रॉकेट के निचले हिस्से को रियूज कर सकते हैं. रुमी -1 रॉकेट ने तीन क्यूब उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करके और केवल 7 मिनट में सुरक्षित रूप से जमीन पर लौटकर इतिहास रच दिया.रिजूयेबिलिटी का मतलब क्या है – इसके जरिए स्पेस कंपनियां रॉकेट के सबसे महंगे हिस्से को फिर से यूज कर सकती हैं.
अब मिशन को लॉन्च करने के लिए आपको रॉकेट का सिर्फ ऊपरी हिस्सा तैयार करना होगा, निचले हिस्से को आप बार-बार यूज कर सकते हैं और इससे खर्चा बचेगा. इसकी वजह से डायरेक्ट टू डिवाइस सैटेलाइट कनेक्टिविटी जैसी नई सेवाओं को भी बल मिलेगा.फरवरी 2023 में भारत का पहला हाइब्रिड रॉकेट लॉन्च किया गया था. रुमी मिशन के जरिए हम अंतरिक्ष में 500 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर सैटेलाइट को प्रक्षेपित कर सकते हैं.इसकी प्रमुख विशेषताओं में इसके विशेष कोण पर काम करने सुविधा शामिल है. यह जीरो डिग्री से लेकर 120 डिग्री तक काम कर सकता है. इस विशेषता की वजह से उपग्रह का सटीक ट्रेजेक्टरी कंट्रोल संभव होता है.
Rhumi 1 launchरॉकेट रुमी लॉन्च रॉकेट तीन क्यूब उपग्रहों को ले गया, जिन्हें ब्रह्मांडीय विकिरण तीव्रता, यूवी विकिरण तीव्रता, वायु गुणवत्ता और अधिक सहित वायुमंडलीय स्थितियों पर डेटा की निगरानी और संग्रह करने के लिए डिज़ाइन किया गया था. रॉकेट ने 50 अलग-अलग पिको उपग्रहों को भी तैनात किया, जिनमें से प्रत्येक वायुमंडलीय स्थितियों जैसे कंपन, एक्सेलेरोमीटर रीडिंग, ऊंचाई, ओजोन स्तर, विषाक्त सामग्री और फाइबर के प्राकृतिक और सिंथेटिक आणविक बंधन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए समर्पित है. यह हमारी पर्यावरणीय गतिशीलता की समझ को बढ़ाने में मदद करेगा.नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा, “रुमी-1 का यह सफल प्रक्षेपण भारत के एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण छलांग है, जो अंतरिक्ष इनोवेशन में हमारे देश की बढ़ती क्षमताओं को प्रदर्शित करता है. री-यूजेबल हाइब्रिड रॉकेट की सफलता, लॉन्च करने में सक्षम उपग्रह और कुछ ही मिनटों में वापस आना, हमारे पास मौजूद तकनीकी कौशल को बताता है. यह भारत के लिए गर्व का क्षण है और वैश्विक एयरोस्पेस क्षेत्र में इनोवेशन के लिए हमारे अभियान का एक प्रमाण है. मैं अंतरिक्ष क्षेत्र के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को हार्दिक बधाई देता हूं. भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण की सीमाओं को आगे बढ़ाने में उनके दृष्टिकोण और समर्पण के लिए धन्यवाद.”
केंद्रीय मंत्री ने मार्टिन ग्रुप की विशेष रूप से तारीफ की है, जिसने इस मिशन में सहयोग किया. इस अवसर पर तमिलनाडु के ग्रामीण एवं लघु उद्योग मंत्री अनबरसन भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, “मैं स्पेस जोन इंडिया और इस उल्लेखनीय मिशन में योगदान देने वाले प्रतिभाशाली छात्रों के साथ-साथ मार्टिन ग्रुप को उनके समर्थन के लिए तहे दिल से बधाई देता हूं.””मिशन रुमी पर काम करना एक अविश्वसनीय यात्रा रही है, और मुझे यह देखकर गर्व है कि इसने नए मानक स्थापित किए हैं.” – “मून मैन ऑफ इंडिया” डॉ. मायलस्वामी अन्नादुराईउन्होंने कहा कि मिशन न केवल एक तकनीकी छलांग लगाता है बल्कि एक प्रेरणा के रूप में भी कार्य करता है. इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल करने और भारत को एयरोस्पेस में नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए स्पेस जोन इंडिया टीम और मार्टिन ग्रुप को मेरी हार्दिक बधाई
.स्पेस जोन इंडिया के संस्थापक और सीईओ डॉ. आनंद मेगालिंगम ने कहा, “रुमी-1 के सफल प्रक्षेपण के साथ हमारी टीम की कड़ी मेहनत और नवीनता को जीवंत होते देखकर मैं काफी उत्साहित हूं.” उन्होंने कहा कि RHUMI का नाम उनके बेटे रूमिथ्रान के नाम पर रखा गया है.मार्टिन ग्रुप ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉंसिब्लिटी के तहत इसकी फंडिंग की है. मार्टिन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जोस चार्ल्स मार्टिन ने कहा कि हम हमेशा ऐसे नवीन उद्यमों की तलाश में रहते हैं जो प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाते हैं और बेहतर भविष्य में योगदान देते हैं. उद्योगों को बदलने और रॉकेट विज्ञान में छात्रों को प्रेरित करने की क्षमता के साथ अत्याधुनिक प्रगति का समर्थन करने के लिए हम तैयार हैं.