नई दिल्ली:- दुनिया में 10 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को डायबिटीज की बीमारी है. भारत में डायबिटीज के इलाज के लिए सदियों से घरेलू चीजों से दवाई तैयार की जाती रही है. अब विज्ञान भी इस घरेलू चीजों को प्रमाणित करने लगा है. सदाबहार फूल के पत्ते इसी तरह का है जो डायबिटीज के लिए काल तो जोड़ों के दर्द के लिए महाविनाशक से कम नहीं है. अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन ने अपनी रिसर्च में यह साबित किया है कि आयुर्वेद में या भारत में जो सदियों से डायबिटीज के इलाज के लिए सदाबहार फूल का इस्तेमाल किया जाता है, वह शत प्रतिशत सही है. सदाबहार की हर चीज में मेडिसीनल गुण है. सदाबहार फूल को कैथरैंथस रोसियस कहा जाता है. इसकी जड़ और पत्तियों से डायबिटीज का इलाज किया जाता है जबकि इसके फूल से वात्त दोष को दूर किया जाता है.
एनसीबीआई जर्नल रिपोर्ट के मुताबिक सदाबहार फूल की पत्तियों से तैयार जूस को डायबिटीज पीड़ित खरगोश को पिलाया गया.इसमें कई ग्रुप बनाए गए. एक ग्रुप में डायबीटिज पीड़ित खरगोश थे तो दूसरे ग्रुप में हेल्दी खरगोश थे. वही एक ग्रुप अन्य डायबिटीज पीड़ित खरगोश थे जिन्हें डायबिटीज की दवा दी गई.
अध्ययन के दौरान खरगोश के खून का सैंपल लिया गया. एक सैंपल प्रयोग शुरू करने के समय लिया गया और इसके बाद निष्कर्ष के लिए आखिर में भी सभी खरगोश के सैंपल लिए गए. अध्ययन में पाया गया कि सदाबहार फूल की पत्तियों से तैयार जूस को जिन डायबिटीज पीड़ित खरगोश को दिया गया था, उनमें तेजी से ब्लड शुगर कम हो गई.
वहीं जिन खरगोश को शुगर की बीमारी नहीं थी, उनमें भी ब्लड शुगर की मात्रा कम हो गई. दिलचस्प बात यह थी जिन खरगोश को दवाई दी गई थी उनमें ब्लड शुगर तो कम हुआ लेकिन सदाबहार फूल की पत्तियों से तैयार जूस के मुकाबले कम ही हुआ. यानी सदबहार फूल की पत्तियां दवा से ज्यादा कारगर साबित हुई.
अध्ययन में पाया गया कि सदाबहार फूल की पत्तियों में मौजूद रसायन पैंक्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को सक्रिय करता है. बीटा सेल्स की सक्रियता के कारण ही इंसुलिन बनता है. इस तरह जब इंसुलिन बनेगा तो यह ग्लूकोज को जल्दी अवशोषित कर इसे एनर्जी में बदल देगा.
अध्ययन के मुताबिक सदबहार फूल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मौजूद होता है. यानी यह डायबिटीज के साथ जोड़ों के दर्द के लिए भी काल है. इसका इस्तेमाल करने के लिए इसकी पत्तियों से जूस तैयार कर इसे पीया जा सकता है. इसके अलावा आप सुबह-सुबह इसकी पत्तियों को चूस सकते हैं. आजकल बाजार में सदाबहार की पत्तियों से तैयार गोलियां और पाउडर भी आ गए हैं. हालांकि सबके बावजूद एक बार डॉक्टर से इस बारे में जरूर सलाह ले लें।