(नई दिल्ली)। भारत में फ्लैट, मकान, दुकान और इंडस्ट्रीयल भूमि की बिक्री करने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। लेकिन कृषि योग्य भूमि की बिक्री करने पर कितना और कैसे टैक्स लगता है। इसे लेकर नियमों के बारे में कम ही लोगों को जानकारी है।क्या कृषि योग्य भूमि टैक्स के दायरे में आती है?धारा 2(14) के मुताबिक, कृषि योग्य भूमि तब तक कैपिटल एसेट नहीं मानी जाती है। जब तक वह नीचे दी गई शर्तों को पूरा नहीं कर लेती है।अगर भूमि नगर पालिका या कैंट बोर्ड की सीमा के अंदर आती है और जनसंख्या 10,000 से अधिक है।भूमि 10,000 से अधिक या 1,00,000 से कम जनसंख्या वाले नगर पालिका या कैंट बोर्ड की सीमा के दो किलोमीटर अंदर आती है।
भूमि 100,000 से अधिक या 10,00,000 से कम जनसंख्या वाले नगर पालिका या कैंट की सीमा के छह किलोमीटर अंदर आती है।भूमि 10,00,000 से अधिक आबादी वाली किसी भी नगर पालिका/कैंट बोर्ड की सीमा के आठ किलोमीटर के अंदर आती है।वहीं, अगर जमीन ऊपर दिए गए किसी भी दायरे में नहीं आती है तो वह कृषि योग्य भूमि मानी जाएगी और उसकी बिक्री पर कोई भी कैपिटल गेन टैक्स का नियम लागू नहीं होगा। इस प्रकार की कृषि योग्य भूमि की बिक्री पर किसी भी प्रकार का कोई लाभ/हानि होती है। वह इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आएगी।अगर भूमि ऊपर दिए गए किसी भी दायरे में आती है, तो उसे कैपिटल एसेट माना जाएगा और उस पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
अगर जमीन को खरीदे हुए 24 महीने से अधिक का समय हो चुका है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। अन्यथा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स जमा करना होगा।जमीन की बिक्री कर पैसा बच्चों के ट्रांसफर करने पर टैक्स लगता है?अगर जमीन ब्रिकी कर कोई व्यक्ति अपने बच्चों या पत्नी को पैसे ट्रांसफर करता है, तो ट्रांसफर किया गया पैसा कर के दायरे में नहीं आएगा। लेकिन जमीन बिक्री के अहम दस्तावेजों को संभालकर रखना चाहिए।