रिलेशनशिप के लिए प्यार की परिभाषा आजकल बदल चुकी है. अब लोग रिलेशन में आने से पहले कई शर्ते रखते हैं. ज्यादातर लोगों को ऐसे पार्टनर की तलाश रहती है जो मेंटली और फाइनेंशियली ही नहीं इमोशनली भी स्ट्रांग हो. जो उनके साथ हर समय इमोशनली साथ रहे. रिलेशनशिप को लेकर कई शब्द चल रहे हैं जिसमें टॉक्सिक, रेड फ्लैग और इमोशनल अब्यूज आम है पर कभी आपने घोस्टिंग नेचर के बारे में सुना है. ये बेहद अलग और अटपटा शब्द है पर आजकल के रिलेशनशिप इसकी चपेट में आने लगे हैं.पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड-ब्यॉफ्रेंड के बीच कई तरह की दिक्कतें होती है पर घोस्टिंग नेचर के कुछ संकेत होते हैं. इन्हें नजरअंदाज करना रिलेशन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. चलिए आपको बताते हैं कि ये क्या होता है और अगर ऐसा आपके साथ हो रहा है तो इससे आप कैसे डील कर सकते हैं.
क्या होता है घोस्टिंग नेचरअगर किसी का पार्टनर रिलेशनशिप में अजीब व्यवहार करने लगे, बात करने से बचें, कम समय दे या फिर उसमें इमोशन्स की कमी महसूस होने लगे तो ये दर्शाता है कि वह घोस्टिंग नेचर की चपेट में है. दरअसल, ये टॉक्सिसिटी का एक टाइप है जो बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ के कारण हो सकता है. अगर आपका पार्टनर इमोशन्स की कमी के साथ किसी सिचुएशन में आपके ऊपर हावी होने लगे तो ये घोस्टिंग नेचर को दर्शाता है. इसके लिए सबसे पहले पार्टनर की मेंटल हेल्थ से जुड़ी जांच कराना सही है.रिलेशन में लड़ाई का होना आम है पर अगर पार्टनर अगर खुद को पूरी तरह कटऑफ कर रहा है या फिर कई दिनों तक चुप रहने की कोशिश करता है तो वह सीरियल घोस्टर हो सकता है. ऐसे लोग अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसे लोगों में ओवर कॉन्फिडेंस भी आ जाता है. उन्हें ये लगता है कि पार्टनर चला जाए या रिश्ता खत्म हो जाए तो कोई फर्क पड़ता. ऐसे लोगों से काफी प्यार से डील करने की जरूरत होती है
.घोस्टिंग नेचर से ऐसे रिलेशन को बचाएंटाइम देंअगर आपका पार्टनर आपके कटऑफ कर रहा है तो सबसे पहले समझें कि आखिर इसकी वजह क्या है. इसके बाद उसे टाइम देना शुरू करें. बिजी लाइफ या टाइम नहीं होने के कारण भी रिश्ते में खटास आने लगती है. पार्टनर के साथ टाइम बिताएं और बाते शेयर करें. ऐसा करने से चीजें बाहर आती हैं और कभी-कभी गलतफहमियां भी दूर हो जाती हैं.
काउंसलिंग है जरूरीबिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ की वजह से रिलेशनशिप में पार्टनर अलग व्यवहार करने लगता है. ऐसे व्यक्ति की काउंसलिंग जरूरी है. किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास जाएं और उससे प्रॉब्लम पर बात करें. प्रोफेशनल ऐसी कंडीशन को बेहतर तरीके से समझ कर चीजों का बेहतर हल बता पाते हैं.ट्रैवलिंग भी है बेस्ट ऑप्शनमेंटल स्ट्रेस को कम करने के लिए ट्रैवल करना बेस्ट रहता है. नई जगह की हवा और खूबसूरती हमें कुछ समय के लिए बिजी और परेशान लाइफ से दूर ले जाती है. कोशिश करें कि आप और आपका पार्टनर यात्रा पर कहीं जाएं. ऐसा करके आप दोनों न सिर्फ क्वालिटी टाइम बिता पाएंगे बल्कि दोनों के बीच हुई परेशानियों को भी बेहतर तरीके से दूर कर पाएंगे