: माइंडफुल ईटिंग यानी सजगता के साथ भोजन करना. यह एक खास तरह का तकनीक है, जिसका उद्देश्य है खाने के हर बाइट को फील करना और ध्यान देकर अपना भोजन करना. इस टेक्नीक की मदद से आप केवल भोजन की मात्रा को कंट्रोल नहीं करते, बल्कि इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि आप क्यों और कैसे खा रहे हैं. इस तरह आप अपने ईटिंग हैबिट को बेहतर कर पाते हैं और कई हेल्थ से जुड़ी समस्याओं (Health Problem) को दूर करते हैं.
हेल्थलाइन के अनुसार, माइंडफुल ईटिंग दरअसल, बौद्ध धर्म के कॉन्सेप्ट पर आधारित है. यह एक तरह का मेडिटेशन है, जो खाने को लेकर अपने अंदर के इमोशन और फिजिकल सेंसेशन को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसकी मदद से एंजायटी, डिप्रेशन, ईटिंग डिसऑर्डर, फूड रिलेटेड बिहेवियर को ठीक करने में मदद मिलती है.
सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है माइंडफुल ईटिंग?वजन करे कम: माइंडफुल ईटिंग से आप अपने शरीर की भूख और तृप्ति के संकेतों को समझ पाते हैं, जिससे ओवरईटिंग के चांस को कम किया जा सकता है.
…डाइजेशन में सुधार: जब आप आराम से और अपने खाने पर ध्यान देकर खाते हैं, तो आपका पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है, जिससे भोजन को पचाना आसान हो जाता है.मिलती है मानसिक शांति: इस तरीके से भोजन करने पर आप संतोष महसूस करते हैं और एंग्जायटी, डिप्रेशन जैसी परेशानियों से आराम महसूस होता है.इसे भी पढ़ें-चाहे इसे पाउडर बनाकर खाएं या जूस पिएं, शरीर के लिए हीरे से भी ज्यादा पावरफुल है यह पत्ता, कई दुर्लभ बीमारियों से आर-पार की लड़ाईहेल्दी डाइट हैबिट: माइंडफुल ईटिंग हैबिट से आप हेल्दी और बैलेंस डाइट के लिए खुद को मोटिवेट कर पाते हैं. जिससे आपके शरीर को बेहतर न्यूट्रिशन मिल पाता है.
माइंडफुल ईटिंग का क्या है तरीका–धीरे-धीरे और बिना ध्यान भटकाए खाना.-भूख के संकेतों को सुनना और पेट भरते ही रुक जाना.-भूख लगने और खाने की क्रेविंग में अंतर समझना.-खाने के रंग, खुशबू, आवाज, बनावट और स्वाद पर ध्यान देकर इंद्रियों को शामिल करना.-भोजन को लेकर गिल्टी और स्ट्रेस से बचने के उपाय सिखना.-अपनी सेहत और फायदे के लिए ही भोजन करना.-इमोशन से परे होकर भोजन करना.-आपके भोजन की सराहना करना