नई दिल्ली:- हिंदू शास्त्रों के मुताबिक आश्विन महीने का बड़ा महत्व है. इस महीने में कुछ खास बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. कहा जाता हैंं कि आश्विन मास में दान करते समय कभी अभिमान नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कुछ खास चीजें खाने से भी हमें परहेज करना चाहिए. आइये जानते हैं इस महीने की खास बातें और कुछ सावधानियां.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के मुताबिक सनातन धर्म में हर महीना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह किसी ना किसी भगवान से संबंधित होता है. उन्होंने बताया कि आश्विन महीने की बात करें तो यह हिंदू कैलेंडर का सातवां महीना होता है. इस महीने से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. इसके बाद नवरात्रि आती है और फिर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इश महीने की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं.
ज्योतिषाचार्य ने इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण बातें भी बताईं. इस लेख के जरिए जानते हैं.
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक आश्विन मास में जितना संभव हो सके दूध या दूध से बनी चीजों को खाने से बचना चाहिए.
- इस महीने करेला खाने से भी सख्त परहेज करना चाहिए.
- आश्विन माह में शरीर को अच्छे से ढककर रखने की सलाह दी जाती है.
- आश्विन मास में लहसुन, प्याज, तामसिक भोजन और सफेद तिल का सेवन नहीं करना चाहिए.
- इस महीने मांस, मछली या बासी आहार लेने से भी बचना चाहिए.
- आश्विन में लौकी, मूली या सरसों का साग खाने से बचें.
- आश्वन मास में काला नमक, सत्तू, जीरा और मसूर की दाल खाना भी वर्जित माना गया है.
- आश्विन माह में आपसी विवाद, झगड़ा, तनाव या मनमुटाव से बचना चाहिए.
- आश्विन माह को त्योहारों का महीना कहा जाता है, इसलिए इस महीने घर में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें.
- इस महीने ब्राह्मण या कन्याओं को दान देते समय अभिमान नहीं करना चाहिए.
आश्विन मास में अपनी क्षमता के अनुसार, घी और तिल का दान करना चाहिए. शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक कन्याओं को फल, मिठाई, भोजन, वस्त्र की भेंट देनी चाहिए.