नई दिल्ली:– 1 फरवरी को केन्द्रीय बजट 2025 पेश किया जाना है। साल 2025-26 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पार्लियामेंट में बजट पेश करेंगी। बजट पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजना होता है। ऐसे में इस बार का हलवा सेरेमनी बीते 25 जनवरी को हुआ है।
हलवा सेरेमनी होने के बाद ही बजट को प्रिंट किया जाता है। बजट की प्रिटिंग नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में की जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकारी प्रेस नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में मौजूद है। ऐसे में क्या आपको पता है कि एक साल ऐसा भी रहा थै, जब पेश होने से पहले ही बजट लीक हो गया था, जिसके कारण उस वक्त के वित्त मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। इसी घटना के बारे में आज के इस आर्टिकल में जानेंगे। इसके साथ यह भी जानेंगे कि बजट को पेश करने का लीक प्रूफ प्रक्रिया क्या है? तो इसके लिए पढ़ते जाएं इस आर्टिकल को अंत तक।
आजाद भारत का पहला बजट साल 1947-48 के लिए पेश किया गया था। बता दें, आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने पहला बजट पेश किया था। आरके शानमुखम चेट्टी ने आजाद भारत का दूसरा बजट भी पेश किया था।
आजाद भारत के पहले बजट से पहले ब्रिटेन के वित्त मंत्री ड्यूग डाल्टन ने टैक्स से जुड़े बदलावों के बारे में प्रेस को बता दिया था। इस वजह से ब्रिटेन के फाइनेंस मिनिस्टर को इस्तीफा देना पड़ा था। कुछ साल बाद भारत में भी कुछ ऐसा ही हुआ।
साल 1950 के बजट में हो गया था लोचा
1950 में जॉन मथाई भारत के वित्त मंत्री थी। 1950 में ही देश का बजट पेश होना था। वैसे तो बजट पेश होने की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। पर उससे पहले प्रेस से बजट लीक हो गया था। ध्यान देने वाली बात यह है कि उस समय बजट राष्ट्रपति भवन प्रेस में प्रिंट होता था। बजट मिंटो रोड पर राष्ट्रपति भवन प्रेस से ही लीक हुआ था। इससे पहले बजट कभी लीक नहीं हुआ था।
जॉन मथाई के कार्यकाल में लीक हुआ था बजट
वित्त मंत्री जॉन मथाई उस समय देश के वित्त मंत्री थे। बजट के लीक होने की वजह से जॉन मथाई को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा गया था। हालांकि, इस्तीफे से पहले जॉन मथाई ने सदन में बजट को पेश किया। उसके बाद पद से इस्तीफा दे दिया।
लीक प्रूफ प्रक्रिया के लिए अपनाया गया ये उपाय
साल 1950 में राष्ट्रपति भवन प्रेस से बजट लीक हुआ था। इसके कारण सरकार ने बजट की प्रिटिंग की जगह को बदल दिया। ताकि भविष्य में फिर से ऐसा न हो सके। साल 1980 में बजट की प्रिंटिंग वाली जगह में फिर बदलाव किया गया था। बजट प्रिटिंग प्रेस को नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट कर दिया गया। तब से नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रेस में बजट को प्रिंट किया जाता आ रहा है।
बजट प्रिंटिंग से पहले हलवा सेरेमनी की हुई शुरुआत
बजट की प्रिटिंग से पहले हलवा सेरेमनी की आयोजन होती है। बता दें, बजट प्रिंटिंग से पहले हलवा सेरेमनी पहली बार 1951 में शुरू हुई थी। 1951 में बजट प्रिंट होने से पहले हलवा बनाया गया था। उसके बाद बजट प्रिंट होने गया। तब से हलवा सेरेमनी बजट प्रक्रिया का एक जरूरी हिस्सा बन गया और इस आज भी फॉलो किया जा रहा है।