(नई दिल्ली)। इससे ये काफी महंगा हो जाता है. हालांकि, अगर आप पर्सनल लोन पर ज्यादा ब्याज नहीं देना चाहते हैं तो आपको इसमें टेन्योर खत्म होने से पहले पूरा लोन चुकाने यानी लोन प्री-पेमेंट का ऑप्शन भी मिलता है.अगर आप समय से पहले पर्सनल लोन चुकाने का ऑप्शन चुनते हैं तो इसके कुछ फायदे हैं तो वहीं कुछ नुकसान भी है. यहां हम दोनों ऑप्शन्स की तुलना करके आपको बता रहे हैं कि आपके लिए लोन प्री-पेमेंट का ऑप्शन चुनना कब ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.लोन प्री-पेमेंट करने पर बैंक वसूलता है चार्जेज़अगर आप टेन्योर खत्म होने से पहले से लोन के भुगतान का ऑप्शन चुनते हैं तो ज्यादातर बैंक और एनबीएफसी प्री-क्लोजर चार्जेज लेते हैं.
आमतौर पर प्री-क्लोजर चार्जेज बकाया लोन राशि के 1 से 5 फीसदी की दर से लिया जाता है. हालांकि, किसी लोन का प्री-पेमेंट करने पर आपको चार्जेज देने होते हैं लेकिन इसकी बकाया ईएमआई पर लगने वाले ब्याज से आपको छुटकारा मिल जाता है. ऐसे में अगर आपकी बकाया राशि अधिक है तो आपको ज्यादा फायदा मिलता है.प्री-पेमेंट का क्रेडिट स्कोर पर असरलोन का प्री-पेमेंट आपके क्रेडिट स्कोर पर आमतौर पर बेहतर प्रभाव डालता है. लेकिन एक बैंक के मुकाबले दूसरे बैंक में यह स्थिति अलग-अलग हो सकती हैं.
यदि आप अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करना चाहते हैं तो लोन के पूरे टेन्योर के लिए मंथली ईएमआई का समय पर भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने में मदद करेगा. इसके अलावा लोन प्री-क्लोजर आपको आगे भी बेहतर क्रेडिट पाने में मदद करता है. क्योंकि कोई भी लेंडर आपकी वर्तमान देनदारियों के आधार पर आपके लोन चुकाने की क्षमता तय करते हैं. ऐसे में अगर आपकी देनदारियां कम हैं तो नया लोन मिलना आसान हो जाएगा.
कब फायदा और कब नुकसान?लोन के प्री-पेमेंट से आपको फायदा होगा या नुकसान यह इस बात से तय होता है कि आप किस समय लोन प्री-पेमेंट का ऑप्शन चुनते हैं. क्योंकि अगर आपने लोन का एक बड़ा हिस्सा चुका दिया है, तो आपको प्री-पेमेंट से बहुत अधिक फायदा नहीं होगा. क्योंकि इस समय तक आप लोन की ईएमआई के साथ काफ़ी ब्याज भी दे चुके होते हैं. साथ ही आपको प्री-क्लोज़र चार्जेज भी देने होते हैं. ऐसे में आपको लोन लेने के कुछ ही समय में यानी जब तक आप इसकी आधे से कम ईएमआई चुकाते हैं, तभी तक प्री-पेमेंट का फायदा मिल सकता है.