: एडवेंचर लवर्स बैग पैक करके घूमने झट से निकल पड़ते हैं. जंगल, पहाड़, बर्फबारी ही नहीं खतरनाक और डरावनी जगहें भी एक्सप्लोर करते हैं. ऐसी जगहों को देखकर डर भी लगता है लेकिन फिर खतरों से ही मजा आने लगता है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा होता क्यों है. दरअसल, हमारे इमोशंस को हार्मोंस बेहतर तरीके से कंट्रोल करते हैं.
हॉर्मोंस (Hormones) केमिकल्स से बने ऐसे जादुई मैसेंजर हैं, जिनसे शरीर के अंगों और टिश्यूज को पता चलता है कि अब कैसा महसूस करना है, कब क्या काम करना है. ये हॉर्मोंस बॉडी के अंदर अलग-अलग ग्लैंड्स यानी अंगों में बनते हैं और फिर ब्लड की मदद से पूरे शरीर में रहते हैं. हाथ-पैर, आंख-कान-मुंह ही नहीं शरीर के भीतरी अंग और मांसपेशियां भी इन्हीं हॉर्मोंस के इशारे पर चलती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि एडवेंचर के दौरान आखिर कौन सा हार्मोन रिलीज होता है.
एडवेंचर के दौरान कौन सा हार्मोन निकलता हैहमारा दिमाग अलग-अलग तरह के केमिकल्स और हॉर्मोन्स रिलीज कर कई तरह की फीलिंग्स देता है. एडवेंचर के दौरान शरीर में कई हार्मोन रिलीज होते हैं, जिनकी वजह से खतरों को सामने देखकर भी मजा आता है और शरीर जोश से भर जाता है. इनमें एड्रेनालाईन, डोपामाइन, एंडोर्फिन और सेरोटोनिन शामिल हैं. एडवेंचर के दौरान निकलने वाले हार्मोंस क्या हैंएड्रेनालाईन (Adrenaline)एड्रेनालाईन सबसे प्रमुख हार्मोन है जो एडवेंचर के दौरान रिलीज होता है. यह हार्मोन खतरे या एक्साइटमेंट के समय रिलीज होता है, जिससे बॉडी में एनर्जी ऊर्जा और सतर्कता बढ़ जाती है. एड्रेनालाईन की वजह से ही खतरों का सामना करने के लिए दिमाग तैयार होता है और इसकी इच्छा भी बढ़ जाती है.
डोपामाइन (Dopamine)डोपामाइन हार्मोन भी एडवेंचर के दौरान रिलीज होता है. इसकी वजह से एडवेंचर में मजा आने लगता है. कोई नई चीज ढूंढने पर खुशी मिलती है, कुछ सफलता मिलने पर प्रसन्नता आती है. नई जगह घूमने जाने का मजा भी डोपामाइन के कारण ही होती है. यह एक रिवॉर्ड केमिकल है, जो मजा आने पर रिलीज होता है और मोटिवेशन, फोकस में अहम भूमिका निभाता है.
एंडोर्फिन (Endorphin)एंडोर्फिन एक नेचुरल पेन किलर हार्मोन है, जो एडवेंचर के दौरान रिलीज होता है.
यह हार्मोन शरीर में दर्द और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे एडवेंचर एक्टिविटीज के दौरान आराम और अच्छा फील कराता है.
सेरोटोनिन (Serotonin)सेरोटोनिन हॉर्मोन नेचुरल मूड बूस्टर माना जाता है. डर और स्ट्रेस से निपटने में यह हेल्प करता है. साइकिलिंग, वजन उठाने और दौड़ने से बॉडी में सेरोटोनिन लेवल बढ़ता है. धूप, फल, सब्जियों और साबुत अनाज से भी इस हार्मोन का लेवल बढ़ता है. एडवेंचर के बाद भी सेरोटोनिन बढ़ता है, जिससे चिंता और तनाव कम होता है.