केंद्रीय मंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी कुमारस्वामी ने शनिवार (14 सिंतबर, 2024) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया ने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक दिव्यांग दलित व्यक्ति को आवंटित जमीन पर मकान बनवा लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्धरमैया ने अवैध तरीके से दिव्यांग व्यक्ति की जमीन पर घर बनाया और डर से बाद में उस घर को बेच दिया.
कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि उनके पास यह बात साबित करने के लिए सबूत भी हैं. उन्होंने पूछा, ‘वह घर क्यों बेचा गया, किसने उसे खरीदा और अभी वह घर किसके पास है?’ कुमारस्वामी ने इस मामले की गहनता से जांच करने का सुझाव दिया और कहा कि जनता को गुमराह करने के लिए यह घर बेचा गया और हो सकता है कि सिद्धरमैया अभी भी इससे जुड़े हों. कुमारस्वामी ने कहा कि दिव्यांग को 24 हजार रुपये में एमयूडीए से यह जमीन मिली थी और जब उस शख्स को पता चला कि उनकी जमीन पर कोई घर बना रहा है तो वह कुछ नहीं कर सके क्योंकि वह हेल्पलेस थे. उन्होंने कहा कि लोग भले उस बात को भूल जाएं, लेकिन आज भी कुमारस्वामी के पास इसके सबूत मौजूद हैं.उन्होंने कहा कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा एक लेआउट में सिद्धरमैया की पत्नी को 14 भूखंडों के आवंटन से जुड़ी अवैधताओं के संबंध में मुख्यमंत्री के खिलाफ मैसुरु में यह एकमात्र आरोप नहीं है. इस आरोप के संबंध में राज्यपाल ने सिद्धरमैया के खिलाफ जांच की मंजूरी दे दी है. कुमारस्वामी ने कहा, ‘…क्या हमने अभी नहीं देखा है कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया है? क्या हम मैसुरु में (एमयूडीए भूखंड आवंटन घोटाले का जिक्र करते हुए) (विकास) नहीं देख रहे हैं? इन 15 भूखंड (वास्तव में 14) को एक तरफ रख दें. उपमुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने किसकी जमीन पर मकान बनाया, क्या आप इसका रिकॉर्ड चाहते हैं?’
पत्रकारों से बात करते हुए एच डी कुमारस्वामी ने कहा, ‘एक दलित को आवंटित एमयूडीए के भूखंड पर अवैध रूप से घर किसने बनाया? 15 भूखंड लेना आपके (सिद्धरमैया) के खिलाफ एकमात्र चीज नहीं है, मैसुरु में आपके खिलाफ कई चीजें हैं. एक दिव्यांग और दलित व्यक्ति को एमयूडीए ने 24,000 रुपये का भुगतान करने पर एक भूखंड आवंटित किया था, लेकिन उस स्थान पर, आपने सकाम्मा के नाम पर झूठे दस्तावेज बनाकर, सकाम्मा से 10,000 वर्ग फुट जमीन ले ली और मकान का निर्माण कराया.’सिद्धरमैया ने क्रमशः जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) के सदस्य के रूप में 1996 से 1999 और फिर 2004 से 2005 तक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. कुमारस्वामी ने अपने आरोपों में यह नहीं बताया कि वह उपमुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धरमैया के कौन से कार्यकाल की बात कर रहे थे.