नई दिल्ली:- इस साल सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को है. यह पौष आमवस्या है. साल 2024 की यह अंतिम अमावस्या भी है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने की विधान है, इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि भी करते हैं. लेकिन सोमवती अमावस्या के दिन दीपक जलाने का बड़ा महत्व है. इस दीपक को जलाने से जहां देवताओं का आशीर्वाद मिलता है, वहीं पितर भी खुश होते हैं, जिससे परिवार के सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर किन 5 जगहों पर दीपक जलाना चाहिए? दीया जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
इन स्थानों पर जलाएं दीया
- मुख्य द्वार के बाहर
सोमवती अमावस्या के दिन आप अपने घर के मुख्य द्वार के बाहर माता लक्ष्मी के लिए घी का दीपक जलाएं. घी नहीं है तो सरसों या फिर तिल के तेल का दीपक जलाएं. दीपक वाले स्थान पर एक लोटा पानी भी रख दें और मुख्य द्वार खोलकर रखें. ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और आपके घर में उनका आगमन होगा. दीपक और जल से नकारात्मकता दूर होगी. यह दीपक आपको सूर्यास्त होने के बाद तब जलाना है, जब अंधेरा होने लगे.
- घर बाहर दक्षिण दिशा में
सोमवती अमावस्या के अवसर पर घर में बाहर दक्षिण दिशा में अपने पितरों के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या की शाम पितर जब अपने लोक लौटते हैं तो उनकी राह में उजाला होता है, इससे वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. - पूर्वजों की फोटो के पास
अमावस्या के दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंश से तर्पण, पिंडदान आदि की अपेक्षा करते हैं. यह सब करते हैं तो बहुत अच्छा है. उसके अलावा घर में दक्षिण दिशा में जहां पर अपने पितरों की तस्वीर लगा रखी है तो वहां पर भी एक दीपक जला दें. यह दीपक भी आप सरसों या तिल के तेल का जला सकते हैं.
- पीपल के पेड़ के पास
पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं और पितर देवों का वास होता है. ऐसे में आप सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीच सरसों के तेल का एक दीप जरूर जला दें. आप चाहें तो देवों के लिए तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं और पितरों के लिए सरसों के तेल का दीपक. ऐसा करने से आपके दुख दूर होंगे और देवों का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
- घर के उत्तर-पूर्व कोण पर
सोमवती अमावस्या के दिन आप अपने घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व कोण में घी का दीपक जलाएं. मान्यताओं के अनुसार, इस दिशा में देवों का वास होता है. आपका घर धन और धान्य से भरेगा. माता लक्ष्मी की कृपा होगी.
सोमवती अमावस्या पर दीपक जलाने का मुहूर्त
सोमवती अमावस्या के दिन आप सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में ये दीपक जलाएं. दीपक अंधकार को दूर करके सकारात्मकता फैलाता है. सोमवती अमावस्या के दिन सूर्यास्त 05:34 पी एम पर होगा. सूर्यास्त के बाद से प्रदोष काल प्रारंभ होता है. इस समय से आप सोमवती अमावस्या का दीपक जला सकते हैं.