टिहरी गढ़वाल:- देवभूमि उत्तराखंड अपनी समृद्ध लोक संस्कृति के लिए विशेष पहचान रखता है. यहां आयोजित होने वाले दैवीय अनुष्ठान हो या लोकजात्रा इनका अपना महत्व है. एशिया की सबसे बड़ी पैदल आध्यात्मिक यात्रा नंदा देवी राजजात यात्रा का आयोजन यहां होता है. इसके साथ ही गढ़वाल क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में लोक यात्राओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें ग्रामीण अपने ईष्टदेवों की यात्राएं निकालते हैं और उनका आर्शीवाद लेते हैं. टिहरी जिले के कीर्ति नगर ब्लॉक के डागर पट्टी में भी 12 सालों के लंबे इंतजार के बाद मल्ड महादेव की जात्रा का आयोजन किया जा रहा है. 18 जनवरी से शुरू हो रही मल्ड महादेव की यात्रा 26 जनवरी तक चलेगी. इसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों में उत्साह है. सभी जात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा.मल्ड महादेव जात्रा समिति के मीडिया प्रभारी अरूण नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि डागर पट्टी के आराध्य देव मल्ड महादेव की 12 सालों से अधिक समय के बाद ऐतिहासिक जात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें आसपास के गांवों से देव निशान व देव डोलियों का मिलन होगा. मल्ड महादेव की विशेष मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना जरुर पूरी होती है और उसके बाद श्रद्धालु यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए जरूर आते हैं. वह बताते हैं कि मल्ड महादेव डागर पट्टी के ईष्टदेव भी हैं. उन्हें क्षेत्रपाल अथवा क्षेत्र के रक्षक के रूप में भी पूजा जाता है. मल्ड महादेव की जात्रा का आयोजन वैसे तो 6 साल में किया जाता है लेकिन किन्ही कारणों से यह काफी लंबे समय से नहीं हो पाई थी.देवता स्नान के लिए पहुंचेंगे देवप्रयाग.
जात्रा के शुरू होने के दिन सर्वप्रथम देवता को स्नान कराने के लिए पंच प्रयागों में से एक देवप्रयाग संगम पर ले जाया जाता है, जहां देव स्नान करने के बाद वापस अपने क्षेत्र में लौटते हैं. मल्ड महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष गुलाब सिंह नेगी बताते हैं कि यह जात्रा विशेष महत्व रखती है. इसमें ध्याणी (विवाहित बेटियां) भी शामिल होती हैं. वहीं जात्रा के अंतिम दिनों में आसपास के क्षेत्रों से कौथ्यार देवता भी शामिल होने पहुंचते हैं.दैवीय अनुष्ठान के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजनअरूण नेगी बताते हैं कि मल्ड महादेव की जात्रा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. इसमें विशेष रूप से महिला मंगल दल समूह, लोक गायकों के कार्यक्रम शामिल हैं. वहीं दिन भर दैवीय अनुष्ठान भी होंगे. जात्रा के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद तीरथ सिंह रावत व स्थानीय विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी भी शामिल होंगे.