प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इस साल अब तक पांच लोगों को भारत रत्न से नवाजा है. इनमें पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव, चौधरी चरण सिंह, वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन, बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर और भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक लालकृष्ण आडवाणी के नाम शामिल हैं. एक ओर भारत में पुरस्कारों की घोषणा हो रही है तो पड़ोसी देश पाकिस्तान में चुनाव के बाद सरकार बनाने की जोड़-तोड़ चल रही है. पर क्या आपको पता है कि भारत के समान ही पाकिस्तान में भी एक सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाता है.पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान का नाम है निशान-ए-पाकिस्तान, जिससे कई भारतीयों को भी नवाजा जा चुका है. हम यह तो जानते ही हैं कि भारत रत्न उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने अपने जीवन में देशहित में सर्वोच्च काम किया हो. भारत ने विदेशी हस्तियों को भी भारत रत्न से पूर्व में नवाजा है.
आइए जान लेते हैं कि आखिर पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान किन्हें दिया जाता है और क्यों? क्या पाक भी विदेशी नागरिकों को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देता है?साल 1957 में हुई निशान-ए-पाकिस्तान की स्थापनापाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान की स्थापना 19 मार्च 1957 को की गई थी. पाकिस्तान में नागरिक पुरस्कारों की घोषणा वहां के स्वाधीनता दिवस पर यानी 14 अगस्त को की जाती है. इसलिए निशान-ए-पाकिस्तान के लिए भी इसी दिन नाम घोषित किया जाता है. हालांकि, इस सम्मान से नवाजने के लिए वहां 23 मार्च को खास सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है. खास बात यह है कि जिस किसी को निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा जाता है, वह अपने नाम के साथ इसे जोड़ने का हक रखता है.
अब तक 26 विदेशियों को नवाज चुका है पाकिस्तानजिस तरह से भारत रत्न से विदेशियों को नवाजा जा सकता है, जिसका उदाहरण पाकिस्तानी नागरिक सीमांत गांधी यानी खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला हैं, उसी तरह से निशान-ए-पाकिस्तान से भी विदेशी नागरिकों को नवाजा जा सकता है. हालांकि, निशान-ए-पाकिस्तान पाने वाले विदेशियों की संख्या भारत रत्न पाने वाले विदेशियों से कहीं ज्यादा है. अब तक 26 विदेशियों को इससे नवाजा जा चुका है. इनमें तीन भारतीय भी हैं.ब्रिटेन की महारानी से लेकर चीन के राष्ट्रपति तक को मिला सम्मानकिसी विदेशी को सबसे पहले 1960 में इस सम्मान से नवाजा गया था. तब यह सम्मान ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी एलिजाबेथ (द्वितीय) को दिया गया था
इन भारतीयों को मिल चुका निशान-ए-पाकिस्तानजहां तक निशान-ए-पाकिस्तान की बात है तो इस सम्मान से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय थे भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई. उन्हें 1990 में इससे सम्मानित किया गया था. 1991 में उन्हें भारत रत्न से भी नवाजा गया और इसके साथ ही वह भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित पहले भारतीय बन गए. मोरारजी देसाई को भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने के लिए यह सम्मान दिया गया था. कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को भी पाकिस्तान 14 अगस्त 2020 को यह सम्मान दे चुका है. दाऊदी बोहरा समुदाय के नेता मुफद्दल सैफुद्दीन को पिछले साल ही निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया.