नई दिल्ली:– गुजरात के एक मेडिकल कॉलेज से एक ऐसी खबर आ रही है, जिसमें रैगिंग के कारण एक मेडिकल स्टूडेंट की मौत हो गई है। इस बात की जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने रविवार 17 नवंबर को दी है। बता दें, यह घटना गुजरात के पाटन जिले के एक मेडिकल कॉलेज की है। पाटन जिले के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के 18 वर्षीय छात्र की रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़े रहने के कारण मौत हो गई है। यह घटना बीते शनिवार को हुई है। बतया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी ने इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मृतक छात्र को उसके वरिष्ठ छात्रों द्वारा काफी देर तक खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया, जिसके कारण वह बेहोश हो गया था। वह कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र था। यह घटना बीते शनिवार रात पाटन के धारपुर स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के छात्रावास में हुई। कॉलेज के डीन डॉ. हार्दिक शाह ने बताया कि पीड़ित छात्र अनिल मेथानिया को उसके सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़ा रखा गया, जिसके कारण वह बेहोश हो गया और उसकी मौत हो गई।
डॉ. हार्दिक शाह ने कहा, ‘‘अनिल मेथानिया के बेहोश हो जाने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे बचाने के सभी प्रयास विफल रहे और उसे मृत घोषित कर दिया गया। अनिल के सहपाठियों ने बताया कि उसकी मौत कॉलेज के छात्रावास में तीन घंटे तक खड़े रहने और सीनियर छात्रों के सामने अपना परिचय देने के बाद हुई। ” डीन ने कहा कि कॉलेज की रैगिंग निरोधक समिति ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यदि सीनियर छात्र रैगिंग के लिए जिम्मेदार पाए गए तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बालिसाना पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दुर्घटनावश मौत होने का मामला दर्ज कर लिया गया है। कॉलेज के एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के एक छात्र ने पहचान गुप्त रखे जाने की शर्त पर बताया कि सात-आठ वरिष्ठ छात्रों ने जूनियर छात्रों के एक समूह को लगभग तीन घंटे तक खड़े रहने और एक-एक करके अपना परिचय देने के लिए मजबूर किया।
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छात्र ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें खड़े रहने के लिए मजबूर किया और कहा कि हम आक्रोशित न हों। आखिर में एक छात्र जो हमारे साथ खड़ा था, बेहोश हो गया। हम उसे अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।” मेथानिया के एक रिश्तेदार धर्मेन्द्र मेथानिया ने संवाददाताओं को बताया कि परिवार को कॉलेज और सरकार से न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने चाचा का फोन आया कि मेरा चचेरा भाई बेहोश होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जब मैं यहां पहुंचा तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है।”