नई दिल्ली : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम की ही तरह रोजाना रात में अच्छी नींद लेना भी जरूरी माना जाता है। अध्ययनों में पाया गया है कि रात में 6-8 घंटे की निर्बाध नींद प्राप्त करना सभी लोगों के लिए जरूरी है। इससे न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है साथ ही ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट भी कंट्रोल में रहता है। पर क्या आप जानते हैं कि अच्छी नींद कैसे पाई जा सकती है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अच्छी और आरामदायक नींद के लिए मेलाटोनिन आवश्यक है, ये नींद प्राप्त करने में सहायक हार्मोन है। हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से इस हार्मोन का उत्पादन करता है। जब बाहर अंधेरा होने लगता है, तो शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन होता है। रात को अच्छी नींद पाने के साथ, मेलाटोनिन हमारे लिए जल्दी सो जाना और रात में निर्बाध नींद लेना भी आसान बनाता है।
नींद की कमी से होने वाली दिक्कतें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, एक रात भी ठीक से नींद पूरी न होने की स्थिति में आप अगले दिन थकान, गुस्सा, चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं। कुछ हफ्तों तक लगातार बनी रहने वाली नींद की समस्या संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें। कुछ उपायों को ध्यान में रखकर आप प्राकृतिक तौर पर शरीर में मेलाटोनिन के स्तर को ठीक रख सकते हैं।
धूप शरीर के लिए बहुत जरूरी
धूप में रोजाना कुछ समय बिताना न सिर्फ विटामिन-डी के उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायता करता है साथ ही ये मेलाटोनिन को बढ़ावा देने में भी आपके लिए मददगार है। सुबह कम से कम 15 मिनट धूप में जरूर रहें। यह मेलाटोनिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे आपको दिन में नहीं सोते हैं और रात में बेहतर नींद आती है। धूप का संपर्क उन पोषक तत्वों का स्तर भी बढ़ाता है जो अच्छी नींद लेने में मददगार हैं।
सोते समय कमरे में रखें अंधेरा
अच्छी नींद प्राप्त करने और मेलाटोनिन के स्तर को सुधारने के लिए सोते समय कमरे का माहौल ठीक रखना भी जरूरी है। कमरे को अंधेरा और शांत रखने से मेलाटोनिन के उत्पादन में सुधार होता है साथ ही नींद की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है। कमरे में अंधेरा रखने से रात में बार-बार नींद के बाधित होने का भी खतरा भी कम रहता है।
स्क्रीन टाइम को कम करना जरूरी
स्क्रीन टाइम यानी मोबाइल-कंप्यूटर पर बीतने वाले समय को कम करके भी आप नींद की गुणवत्ता को सुधार सकते हैं। सोने से कम से कम एक घंटा पहले अपने कंप्यूटर और डिजिटल उपकरणों को दूर रख दें। इन उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। स्क्रीन टाइम न सिर्फ नींद की समस्या बढ़ाती है साथ ही इससे शरीर में और भी कई दिक्कतों का जोखिम हो सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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