नई दिल्ली:– मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में गर्मीका प्रकोप और बढ़ेगा। पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म होने के बाद तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। खासकर दिन के समय तेजधूप और गर्म हवाओं ने लोगों को परेशान कर दिया है। प्रदेश में प्रयागराज सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इसके अलावा कानपुर (आइएएफ और सिटी), इटावा, वाराणसी, बलिया, चुर्क, बांदा, सुल्तानपुर, अयोध्या, फुर्सतगंज, गाजीपुर, फतेहगढ़, झांसी, उरई, हमीरपुर, आगरा (ताज) और बुलंदशहर जैसे शहरों का अधिकतम तापमान भी 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के झांसी और आगरा में तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे ये इलाके सबसे गर्म रहे।
मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, 22 और 23 अप्रैल को प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में कुछ स्थानों पर लू चल सकती है। वहीं कुछ जिलों में हीटवेव का अलर्ट भी जारी किया गया है। अगले कुछ दिनों में तापमान और बढ़ने की संभावना है।
मौसम में मिल रहे उतार और चढ़ाव
मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कभी तेज आंधी-बारिश और ओलावृष्टि तो अब लू और चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में तापमान लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में गर्मी और अधिक परेशान कर सकती है। इस बार गर्मी का असर ज्यादा दिनों तक रहेगा। तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। ऐसे में सतर्कता जरूरी है। हालांकि मानसून बेहतर रहेगा, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। फिलहाल लू और तेज धूप से बचाव ही सबसे जरूरी कदम है।
डॉक्टर अतुल कुमार ने दिए ये टिप्स
सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित ‘जागरण विमर्श’ में मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि गर्मी के इस दौर में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने मौसम के बदलाव, उसके कारण और लू से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की। बताया कि इस बार गर्मी के दिनों की संख्या भी सामान्य से सात से 10 दिन ज्यादा रह सकती है। हाल ही में प्रदेश के कई हिस्सों में अचानक तेज आंधी, बारिश और ओले गिरने जैसी घटनाएं हुईं।
दैनिक जागरण कार्यालय में अकादमी गोष्ठी में वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताए मौसम के उतार चढ़ाव
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जिम्मेदार
डा. सिंह ने बताया कि इसके पीछे ‘पश्चिमी विक्षोभ’ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) नामक मौसमीय सिस्टम जिम्मेदार है। यह सिस्टम अफगानिस्तान, ईरान और मध्य एशिया से चलकर पाकिस्तान के रास्ते भारत के उत्तर भारत में प्रवेश करता है। यह अपने साथ ठंडी हवाएं और नमी लेकर आता है, जिससे मौसम में अचानक बदलाव हो जाता है। इसके असर से उत्तर भारत में अचानक से बारिश, आंधी और कभी-कभी ओलावृष्टि की स्थिति बन जाती है।
मार्च से मई तक का समय प्री-मानसून या गर्मी का मौसम होता है
डा. सिंह ने बताया कि मार्च से मई तक का समय प्री-मानसून या गर्मी का मौसम होता है। इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ के कारण कई बार धूल भरी आंधी चलती हैं। धरती से ऊपर मौजूद क्षोभमंडल में तापमान बहुत कम होता है, लेकिन सूर्य की किरणें सीधे धरती पर आती हैं, जिससे सतह पर गर्मी ज्यादा महसूस होती है। इस साल गर्मी के दिन पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हो सकते हैं। दिन में तेज धूप के कारण धरती की सतह पर गर्मी अधिक महसूस होगी। रेगिस्तान की ओर से आने वाली गर्म हवाओं के कारण बुंदेलखंड और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में लू की स्थिति ज्यादा बनेगी।
कई बार सुबह जल्दी गर्मी क्यों लगती है?
इस सवाल पर डा. सिंह ने बताया कि जब न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों ज्यादा होते हैं, तब सुबह 10 बजे तक ही गर्मी ज्यादा महसूस होने लगती है। अगर रात का तापमान 28 डिग्री के करीब है, तो सूरज निकलने के एक-दो घंटे के भीतर तापमान तेजी से बढ़ जाता है और गर्मी सताने लगती है।
बिजली चमकने पर बरतें सावधानी
आकाशीय बिजली से बचने के लिए पेड़ या
टिन की छत के नीचे खड़े न हों।
कार में हों तो उसे रोककर शीशे बंद कर दें।
खुले में हों तो मोबाइल बंद करें और सिर पर कपड़ा रखकर पंजों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
लू और गर्मी से ऐसे करें बचाव
दोपहर में सीधे धूप में जाने से बचें, खासकर 12 से तीन बजे के बीच।
हल्के, ढीले व सूती कपड़े पहनें।
खूब पानी पीएं व शरीर को हाइड्रेट रखें।
मेहनत वाले काम छांव में करें।
बाहर निकलते समय सिर ढकें, टोपी या छाता जरूरसाथ रखें।
सामान्य से अधिक तापमान रहने की उम्मीद
अप्रैल से जून तक सामान्य से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है। इस बार जून से सितंबर तक का मानसून सामान्य से बेहतर रहने की संभावना है। हालांकि किस दिन कितनी बारिश होगी, इसका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। मौसम विभाग सप्ताहभर का पूर्वानुमान और कई बार एक-दो घंटे पहले का अलर्ट भी जारी करता है।