नई दिल्ली:– मोदी कैबिनेट ने रेलवे को एक बड़ी सौगात दी है। जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 6,456 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
बात अगर इन परियोजनाओं के मंजूरी के पिछे के कारण की करें तो इस परियोजना से दूर-दराज के इलाकों को आपस में जोड़कर ढुलाई संबंधी दक्षता में सुधार लाने, मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने और परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा।
रेलवे मंत्रालय ने दी जानकारी
मोदी कैबिनेट के द्वारा आज के रेलवे परियोजना को मंजूरी देने के बाद रेलवे मंत्रालय ने इस विषय पर अपना बयान जारी करते हुए कहा नई लाइन के प्रस्तावों से सीधा संपर्क बनेगा और आवागमन में सुधार होगा, तथा भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा संबंधी विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बेहद जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
इसके साथ ही रेलवे के द्वारा जारी बयान में कहा गया ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप हैं, जिनसे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक विकास होगा और लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मल्टी-ट्रॅकिंग परियोजना को मंजूरी
आज पीएम मोदी के कैबिनेट इस बैठक में मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी है। जिसके बारे में जानकारी देते हुए रेलवे मंत्रालय ने बताया कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना तैयार किए जाने से संभव हुआ है और यह लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्कता प्रदान करेगा। इसके साथ ही इसमें कहा गया मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख लोगों को संपर्क सुविधा मिलेगी।
मंत्रालय ने आगे कहा ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे चार राज्यों के सात जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।” उसने कहा इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों को बेहतर संपर्क सुविधा मिलेगी। नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख लोगों को संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी।