नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं। इसके साथ ही विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा की गई रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सेबी ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
सहारा की दो कंपनियों के ज्यादातर बॉन्डधारकों के दावा नहीं करने की स्थिति में सेबी 2022-23 में निवेशकों को सिर्फ सात लाख रुपये ही वापस कर सका। दूसरी ओर सेबी-सहारा रिफंड खाते की शेष धनराशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई। उच्चतम न्यायालय ने अगस्त, 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था।
सेबी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि उसे 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन मिले। इसमें 48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के संबंध में ब्याज सहित 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि वापस की गई।
बाकी आवेदन सहारा समूह की दो फर्मों – सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) के डेटा में उनके रिकॉर्ड का पता नहीं लगाने के कारण बंद कर दिए गए थे।