नई दिल्ली।राजस्थान में परीक्षाओं में होने वाली नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं को लेकर गहलोत सरकार सख्त नजर आ रही है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार विधानसभा में एक विधेयक लेकर आई है। इस विधेयक में नकल, पेपर लीक प्रकरण के दोषी को तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है, साथ ही 10 करोड़ के जुर्माने का प्रावधान भी है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने परिक्षाओं में अनुचित सामाग्री का उपयोग, पेपर लीक और नकल जैसी घटनाओं को रोकने के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनों की रोक धाम) विधेयक 2022 को सदन के पटल पर पेश किया है। ये 1992 के कानून का स्थान लेगा। संशोधित कानून के दायरे में आरपीएससी, हाईकोट, कर्मचारी चयन बोर्ड, विश्वविद्यालय, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, पुलिस भर्ती और सार्वजानिक उपक्रम बोर्ड सहित राज्य में होने वाली सभी परीक्षाएं शामिल होंगी। इसके लागू होने के बाद परीक्षार्थी और परीक्षा से जुड़े लोगों को ही परीक्षा केंद्र में जाने की अनुमति दी जाएगी।
नकल पर तीन साल सजा के साथ एक लाख जुर्माना नहीं भरने पर नौ महीने की अतरिक्त सजा दी जाएगी। परीक्षार्थी या किसी अन्य के अनुचित साधन का उपयोग पर पांच से दस साल की सजा के साथ एक लाख से 10 करोड़ का जुर्माने भरना होगा। जुर्माना नहीं देने पर दो साल कैद की सजा और बढ़ा दी जाएगी।