मध्यप्रदेश:- भारत में गाड़ी चलाने के लिए सबसे पहले किसी को भी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए भारत में कुछ नियमों का पालन करना होता है. 18 साल से ऊपर को भी भारतीय नागरिक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO ऑफिस में आवेदन दे सकता है. इसके लिए पहले एक कम्यूटर टेस्ट देना होता है. इसके बाद आपको एक लर्नर लाइसेंस मिलता है. लर्नर लाइसेंस मिलने के एक महीने बाद और 6 महीने के अंदर तक आपको RTO ऑफिस जाकर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट देकर ड्राइविंग लाइसेंस की बाकी की प्रक्रिया करना होती है. लेकिन अब नए नियमों के तहत आपको RTO ऑफिस जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी. चलिए जानते हैं कबसे लागू हो रहा है. यह नया नियम. 1 जून से लागू होगा नया नियमभारत में अब ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में बदलाव कर दिया गया है. अब किसी को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO ऑफिस जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए नया नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. 1 जून 2024 से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए यह नया नियम लागू होगा.नए नियम के मुताबिक अब आप किसी प्राइवेट इंस्टीटयूट में जाकर भी ड्राइविंग का टेस्ट दे सकते हैं.लेकिन इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना है कि यह नियम सभी ड्राइविंग स्कूल और प्राइवेट इंस्टीटयूट पर लागू नहीं होता. इसके लिए RTO द्वारा मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल से ही ड्राइविंग टेस्ट पास कर सकते हैं. तभी आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा. नए नियमों के मुताबिक इन शर्तों को पूरी करना होगा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए जारी किए गए नए नियमों के अनुसार सिर्फ वही ट्रेनिंग सेंटर और ड्राइविंग स्कूल मान्य होंगे जो कम से कम 1 एकड़ की जमीन पर बने होंगे. इसके साथ ही इंस्टिट्यूट में जो ट्रेनर ड्राइविंग की ट्रेनिंग देंगे. उनके पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या उसके बराबर की डिग्री होना भी अनिवार्य है. इसके साथ ही ट्रेनर को कम से कम 5 साल का ड्राइविंग एक्सपीरियंस होना जरूरी है.तो वहीं ट्रेनर को फंडामेंटल बायोमेट्रिक और आईटी सिस्टम के बारे में भी पता होना चाहिए. हल्के वाहनों को लेकर ट्रेनिंग का समय 4 हफ्ते और 29 घंटे तय किया है. तो वही भारी वाहनों के लिए इसके लिए मिनिमम 38 घंटे जरूरी है. जिनमें 8 घंटे की थ्योरी क्लासेस भी शामिल हैं.