*तमिलनाडु:-* तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रमुक ने मंगलवार 19 मार्च को मांग की कि निर्वाचन आयोग कोयंबटूर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रोड शो के लिए बीजेपी द्वारा स्कूली बच्चों का इस्तेमाल किए जाने की जांच करे और साथ ही ‘नफरत फैलाने वाला भाषण’ देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएं.इस बीच, कोयंबटूर के जिलाधिकारी क्रांति कुमार पति ने कहा कि प्रशासन मोदी के रोड शो के दौरान स्कूली बच्चों के इस्तेमाल की घटना की जांच कर रहा है. उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि मुख्य शिक्षा अधिकारी और श्रम विभाग के संयुक्त आयुक्त से भी रिपोर्ट मांगी गई है तथा जांच के निष्कर्षों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी.*PM मोदी के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास शिकायत*यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यव्रत साहू को सौंपी गई एक याचिका में द्रमुक के संगठन सचिव आरएस भारती ने कहा कि राजनीतिक अभियान के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने पर बीजेपी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों को बाल श्रम से बचाने और चुनाव संबंधी कार्यों तथा अभियानों में उनकी भागीदारी को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.भारती ने कहा कि 12 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को अभियान गतिविधियों में लगाया गया और उन्हें बीजेपी के प्रतीक चिह्न वाले कपड़े पहनाए गए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 18 मार्च को रोड शो के दौरान भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बच्चों से कविता पाठ और गायन प्रस्तुति कराई गई.उन्होंने घटना की एक वीडियो क्लिप के साथ अपनी याचिका में कहा, बीजेपी का यह कार्य सीधे तौर पर 5 फरवरी, 2024 की निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के खिलाफ है, जिसमें राजनीतिक दलों को चुनाव अभियानों, रैलियों आदि के लिए किसी भी तरह से बच्चों का उपयोग न करने को कहा गया है.*निर्मला सीतारमण के खिलाफ इस वजह से दर्ज हुई शिकायत*भारती ने एक अलग याचिका में, निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के कुछ घंटे बाद 16 मार्च को यहां चाणक्य टीवी चैनल की वर्षगांठ के दौरान कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने और ‘घृणा भाषण’ देने के लिए निर्मला सीतारमण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिंदुओं से अपील करते हुए झूठा दावा किया कि द्रमुक मंदिरों और धर्म को नष्ट कर रही है।भारती ने कहा कि यह न केवल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 3 और धारा 125 के प्रावधानों का भी उल्लंघन है।