नई दिल्ली : – अगर आप कोई भी मूवी देखने जाते है, तो फिल्म के साथ साथ पॉपकॉर्न का मजा जरूर लेते होंगे। यदि आप भी पॉपकॉर्न लवर है, तो अब आपकी जेब को पर भारी असर होता हुआ देखा जा सकता है। आज जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर टैक्स की दर को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। आप अगर अलग अलग फ्लेवर्स के पॉपकॉर्न खाते हैं, तो इसके लिए आपको फ्लेवर के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।
जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में लिए गए इस फैसले का असर ना सिर्फ पॉपकॉर्न पर बल्कि फिल्म की टिकट खरीदने पर भी होते हुए देखा जा सकता है। अब आपको अपनी मूवी के साथ पॉपकॉर्न का मजा लेने के लिए कई गुना ज्यादा पैसा चुकाना होगा।
पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स देना होगा?
फोर्टिफाइड चावल के टैक्स स्ट्रक्चर का सरलीकरण करते हुए, जीएसटी काउंसिल ने इन चावलों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला लिया है। भले ही इस चावल का उपयोग आप किसी भी उद्देश्य से क्यों ना करते हो। अब आपको रेडी टू ईट पॉपकॉर्न के लिए एक्स्ट्रा पैसे देने हो सकते हैं। पॉपकॉर्न पर लगने वाले टैक्स रेट से जुड़ी सारी जानकारियां सामने आ गई है। अगर कोई ऐसा पॉपकॉर्न फ्लेवर है, जो सिर्फ साधारण नमक और मसालों से तैयार होता है और ये पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं है, तो इसपर 5 प्रतिशत तक का जीएसटी लगाया जा सकता है। अगर ये पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो इसके लिए आपको 12 प्रतिशत जीएसटी रेट का भुगतान करना होगा। यदि आपको चीनी से युक्त यानी कैरेमल पॉपकॉर्न को खाना है, तो इसे चीनी कन्फेक्शनरी की कैटेगरी में रखा गया है और इसके लिए आपको 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होगा।
इन फैसलों पर हुई चर्चा
जैसलमेर में हुई इस 55वीं जीएसटी बैठक में इंश्योरेंस, लग्जरी प्रोडक्ट्स, एयर फ्यूल यानी एटीएफ जैसे प्रोडक्ट्स पर लगने वाली जीएसटी को लेकर चर्चा की जाने वाली है। पिछले कुछ समय से चर्चा तेज थी कि जीएसटी काउंसिल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगनेवाली जीएसटी दर को कम कर सकता है। ऐसा करने का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को इंश्योरेंस खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना है।