नई दिल्ली:– पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने एक अहम फैसला लिया है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के पाकिस्तान से जुड़े होने के ठोस सबूत मिले हैं। इस कारण, न तो अब कोई कूटनीतिक संबंध होंगे और न ही कोई सार्वजनिक संबंध बनाए जाएंगे।
पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, और अटारी बॉर्डर, जहां से लोग एक-दूसरे देश में आते-जाते थे, अब बंद कर दिया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या इलाज या शिक्षा के लिए भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारत छोड़ना होगा?
पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं
भारत ने अटारी चेक पोस्ट को तुरंत बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार ने यह भी कहा है कि जो लोग वैध दस्तावेजों के आधार पर भारत आए हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले इस रास्ते से वापस लौटने का मौका मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण कदम SAARC वीजा स्कीम के तहत लिया गया है, जिससे पाकिस्तान के कई कलाकार और हस्तियां हर साल भारत आते थे।
भारत ने SAARC वीजा एक्सेम्प्शन स्कीम (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा को रद्द कर दिया है। इस योजना के तहत, पाकिस्तानी नागरिकों को मल्टी-एंट्री वीजा मिलता था, जिसके कारण वे अटारी-वाघा बॉर्डर या हवाई मार्ग से भारत आ सकते थे। सिंगल एंट्री वीजा में केवल अटारी बॉर्डर से प्रवेश की अनुमति होती थी, जबकि मल्टी-एंट्री वीजा में पाकिस्तानी नागरिक अन्य देशों जैसे दुबई से भी हवाई मार्ग से भारत पहुँच सकते थे।
अब इस स्कीम के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत आने की अनुमति नहीं होगी। जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास SVES वीजा है और वे अभी भारत में हैं, उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
राहत मिलने की संभावना नहीं
जिन पाकिस्तानी नागरिकों के पास स्टूडेंट, मेडिकल, या बिजनेस जैसे अन्य वीजा हैं, उन्हें भी भारत छोड़ना होगा। ये लोग अटारी बाघा बॉर्डर से आए थे, और अब उन्हें उसी रास्ते से वापस जाना पड़ सकता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि अब कोई पाकिस्तानी नागरिक इस रास्ते से भारत में प्रवेश नहीं कर सकेगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार का दृष्टिकोण काफी सख्त है, और इस स्थिति में मानवीय आधार पर राहत मिलने की संभावना भी कम दिखाई देती है।
उच्चायोगों में ये पद समाप्त
भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायोग के रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को ‘Persona Non Grata’ घोषित कर दिया है और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से भी रक्षा, नौसेना, और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत, दोनों देशों के उच्चायोगों में ये पद समाप्त कर दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। इस फैसले को देखते हुए पाकिस्तान ने भी गुरूवार को हाई लेवल बैठक बुलाई है। वहीं भारत सरकार ने भी गुरूवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।