नई दिल्ली :– दुनियाभर में महामारी फैलाने के बाद मंकीपॉक्स का खतरा अब भारत में भी दस्तक दे चुका है जिसका एक मामला सामने आया था। मंकीपॉक्स नामक संक्रमक बीमारी ने जहां अफ्रीका को हॉटस्पॉट बनाया है वहीं पर इसे लेकर भारत में एडवाइजरी औऱ स्वास्थ के दिशानिर्देश जारी किए गए है। भले ही संक्रमण का तेज प्रसार है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे लेकर वैक्सीन खोज निकाली है यानि पहले से मौजूद चिकन पॉक्स का टीका इसके लिए कारगर साबित हो सकती है।
मंकी पॉक्स के लगातार सामने आ रहे मामलों के बाद इसे संक्रामक रोग को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है इसके अलावा स्वास्थ्य एजेंसियां भी इस संक्रामक रोग को लेकर बचाव के उपाय खोज रही है।
जानिए क्या कहते है स्वास्थ्य विशेषज्ञ
यहां पर मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ का कहना है कि, संक्रमण को लेकर फिलहाल भारत में लोगों को ज्यादा चिंता करने या डरने की आवश्यकता नहीं है, हालांकि सुरक्षात्मक उपायों का ध्यान रखा जरूरी है। इसके फैलने के मामलों में संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने, यौन संबंध बनाने, शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क के कारण ये संक्रमण फैल सकता है जिसकी फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन नहीं है लेकिन अध्ययनों में इसके बचाव को लेकर एक टीके पर बनाने पर जोर दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए दवा और वैक्सीन को कारगर बनाया जा रहा है।
क्या चेचक का टीका है कारगर
इसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ शोध में कहते है कि, अब तक चेचक (चिकनपॉक्स) बीमारी की रोकथाम में प्रयोग में लाया जाने वाला टीका- बवेरियन नॉर्डिक ए/एस काफी हद तक मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव में भी असरदार साबित हो सकता है। कनाडा के ओंटारियो में किए गए एक अध्ययन के अनुसार इस टीके को एमपॉक्स संक्रमण के खिलाफ लगभग 58% सुरक्षात्मक पाया गया है।रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस टीके ने संभवतः साल 2022 में मंकीपॉक्स प्रकोप को रोकने में काफी मदद की थी। ऐसे में विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि इस बार के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए भी इसे इस्तेमाल में लाकर लाभ पाया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना जैसे बचाव भी इसके तहत लेना चाहिए।