नई दिल्ली:– केंद्र सरकार ने देश के शहरों की आज की जरूरतों को समझा है और इसकी पूर्ति के लिए एक लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड बनाने का फैसला किया है। पहले साल इस फंड के लिए केंद्र सरकार ने दस हजार करोड़ रुपये आवंटित भी कर दिए हैं। यह फंड शहरों के पुनर्विकास यानी उनके री-डेवलपमेंट के लिए है और इसके जरिये शहरों का बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा।
योजना में शामिल होंगे 100 शहर
चैलेंज का मतलब यह है कि राज्य सरकारों को इस फंड के तहत सहायता हासिल करने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करनी होगी। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पहले चरण में सौ शहरों के पुनर्विकास की योजना लाई जाएगी। इसके तहत शहरों के मूल स्वरूप यानी केंद्रीय इलाके को विकसित किया जाएगा।
पानी और स्वच्छता का खड़ा किया जाएगा ढांचा
शहरों में सबसे अधिक समस्याएं यहीं पर हैं, क्योंकि समय के साथ सीमित स्थान के कारण सुविधाओं के विस्तार की गुंजाइश बेहद कम हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि शहर विकास के हब हैं। इनका फिर से विकास जरूरी है और उनमें पानी और स्वच्छता जैसी सुविधाओं का ढांचा खड़ा किया जाएगा।
निजी क्षेत्र से सहयोग बढ़ाने पर फोकस
खास बात यह है कि इस फंड के जरिये केंद्र सरकार ने अपना यह नजरिया भी सामने रखा है कि केंद्रीय सहायता के लिए राज्यों को ऐसी परियोजनाओं की परिकल्पना करनी होगी जिसमें बांड, बैंक लोन और निजी क्षेत्र के सहयोग से 50 प्रतिशत पैसा जुटाया जा सके।
यह राज्यों के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि उनके ज्यादातर शहर बदहाली की कहानी कहते हैं, जिसके कारण न तो बांड के जरिये पैसा जुटाने की सूरत है और न ही निजी क्षेत्र सरकार के साथ साझेदारी की इच्छा दिखा रहा है।
अगर इस योजना का लाभ राज्यों को लेना है तो उन्हें शहरों की व्यवस्थाएं सुधारनी होंगी। नेशनल अर्बन चैलेंज फंड के लिए केंद्र सरकार 25 प्रतिशत धनराशि देगी।
रुकी-फंसी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने की तैयारी
वित्त मंत्री ने शहरी क्षेत्र, खासकर मध्य वर्ग की सहायता के लिए एक और अहम घोषणा यह की है कि 40000 और आवासीय इकाइयों के लिए स्वामिह फंड 2 के तहत 15000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ऐसी फंसी हुई आवासीय परियोजनाओं, जिनमें बिल्डर दीवालिया होने के कारण प्रोजेक्ट छोड़ गए हैं, में केंद्र सरकार अब तक 50000 आवासीय इकाइयों का निर्माण पूरा कर लोगों का अपना घर हासिल करने का सपना पूरा कर चुकी है।
अटके प्रोजेक्ट होंगे पूरे
फंसे हुए आवासीय प्रोजेक्ट में लोगों को घर की ईएमआई और किराये का दोहरा बोझ उठाना पड़ता है। इन प्रोजेक्टों को पूरा करने का रास्ता तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने अमिताभ कांत समिति का गठन किया था, जिसकी सिफारिशों पर अमल करते हुए कई परियोजनाएं पूरी की गई हैं।
सीतारमण ने कहा कि अपना घर पाने की बाट जोह रहे लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए स्वामिह फंड 2 में सरकार, बैंक और निजी निवेशक योगदान करेंगे जिससे वर्षों से अटके प्रोजेक्ट पूरे हो सकेंगे।