रायपुर\बलौदाबाजार:- 14 नवंबर से शुरू हुए धान खरीदी अभियान में अब तक 5.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है. अब तक 1.16 लाख से अधिक किसानों ने अपना धान बेचा है. धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 971 करोड़ 16 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी: खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों ने धान खरीदी के लिए पंजीयन कराया है. इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है. इस साल 2739 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है. गुरुवार को प्रदेश में 26501 किसानों से 1.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई. इसके लिए 30828 टोकन जारी किए गए. इसके अलावा अगले दिन के लिए 25840 टोकन किसानों को दिए गए.
बलौदाबाजार धान खरीदी केंद्र में अचानक पहुंचे कमिश्नर: रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे गुरुवार को बलौदाबाजार जिले के सिमगा स्थित धान उपार्जन केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया. उन्होंने धान बेचने आए किसानों से मुलाकात की और खरीदी केंद्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान कावरे ने स्टॉक पंजी, बारदाना रजिस्टर और टोकन रजिस्टर की गहरी जांच की. साथ ही, ढेर में रखे गए धान की नमी मापने के लिए पॉस मशीन का उपयोग किया. जांच में धान की गुणवत्ता सही पाई गई.
कावरे ने खरीदी केंद्रों के अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्थिति में किसानों से सूखत के नाम पर ज्यादा धान की खरीदी नहीं करनी है. उन्होंने निर्देश दिया कि निर्धारित सीमा से ज्यादा नमी वाले धान की खरीदी भी नहीं करनी है. अधिकारी ने धान उपार्जन केंद्रों में किसानों के लिए बैठक व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि कोई किसान लंबे समय तक इंतजार न करें. इस मौके पर कलेक्टर, एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा, तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा, खाद्य अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे.
बलौदाबाजार में अब तक धान खरीदी: खाद्य विभाग के अनुसार, जिले में अब तक 7,521 किसानों से 30,875 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. इसमें 18,369 मीट्रिक टन मोटा, 405 मीट्रिक टन पतला और 12,131 मीट्रिक टन सरना धान शामिल है. इसके बदले में 6,730 किसानों को 54 करोड़ 68 लाख 89 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है. जिले में इस साल अनुमानित 9,62,910 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है, और अब तक कुल 1,67,787 किसान पंजीकृत हो चुके हैं.