बलौदा बाजार:- समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. जिला प्रशासन ने इस पर तत्काल और सख्त कार्रवाई करते हुए पलारी तहसील के अंतर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उपार्जन केंद्र जारा के प्रभारी, समिति प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
धान घोटाला उजागर: खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों से धान खरीदी की गई. प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उपार्जन केंद्र जारा में भंडारण और वितरण की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा एक संयुक्त जांच दल गठित किया गया था. जांच के दौरान जारा उपार्जन केंद्र में भारी अनियमितता पाई गई.
तीन पर FIR: जांच रिपोर्ट के अनुसार उपार्जन केंद्र जारा में कुल 54,905.60 क्विंटल धान का उपार्जन किया गया. लेकिन इसके विरुद्ध 54,536.82 क्विंटल धान का ही परिवहन हुआ. इस प्रकार 368.78 क्विंटल धान का न तो वितरण हुआ और न ही वह भौतिक रूप से केंद्र में मौजूद मिला. गायब धान की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 8 लाख 48 हजार 194 रुपये है.
पलारी थाने में शिकायत दर्ज: जांच के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ थाना पलारी में एफआईआर दर्ज की गई है. जिन लोगों पर शिकायत दर्ज हुई है उसमें परदेशी राम साहू जो उपार्जन केंद्र प्रभारी हैं, पंच राम ध्रुव जो समिति प्रभारी हैं, दीपक साहू जो कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं. इन पर धान की हेराफेरी कर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का गंभीर आरोप लगा है.
उपार्जन केंद्रों में जांच के आदेश: जिला प्रशासन ने साफ किया है कि किसानों के हितों और सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. प्रशासन ने सभी उपार्जन केंद्रों की जांच के आदेश दिए हैं. यदि अन्य केंद्रों में भी इसी तरह की गड़बड़ी सामने आती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी.
जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जारा उपार्जन केंद्र में पाए गए अनियमितता के मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है और आगे की विधिवत कार्रवाई जारी है: दीपक सोनी, कलेक्टर, बलौदा बाजार
कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश: कलेक्टर ने ये भी कहा कि हमने सभी उपार्जन केंद्रों की गहन जांच के निर्देश दिए हैं. यदि कहीं और भी अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों पर भी कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. किसानों के अधिकारों और शासन की योजनाओं की पारदर्शिता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.