नई दिल्ली:- ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और कई रोगों से बचाव करती हैं। ऐसी ही एक हर्ब है पत्थरचट्टा। गांवों में आज भी महिलाएं यूरीन इन्फेक्शन को दूर करने के लिए इनकी पत्तियों को अपने भोजन में शामिल करती हैं। अब पथरचट्टा के प्रयोग से शहरों में रहने वाले लोग भी अंजान नहीं हैं। इसका पौधा आसानी से गमले में भी उग सकता है। इसलिए लोग पथरचट्टा को पॉट में भी उगा लेते हैं
पत्थरचट्टा- इंडियन मेडिकल गजेट के अनुसार, पत्थरचट्टा, जिसे कलानचो के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में व्यापक रूप से उगाया जाने वाला रस से भरपूर बारहमासी पौधा है। इसे आमतौर पर एयर प्लांट के रूप में जाना जाता है। इसमें लंबे खोखले तने होते हैं। कलानचो में गहरे मांसल हरे पत्ते होते हैं।
किडनी और गॉलब्लैडर की पथरी का उपचार है
पौधे का वैज्ञानिक नाम ब्रायोफिलम पिन्नाटम है पथरचट्टा एक औषधीय पौधा है जो चिकित्सीय पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है।आयुर्वेद में पथरचट्टा का दूसरा नाम है – पाषाणभेद, जिसका अर्थ है ‘पत्थर को घोलना।’ पारंपरिक औषधीय प्रथाओं में पत्थरचट्टा की पत्तियों को यूरीन इंकॉन्टीनेंस के साथ-साथ किडनी और गॉलब्लैडर की पथरी को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
आपकी सेहत के लिए बहुत लाभकारी है
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन में प्रकाशित शोध बताते हैं कि पत्थरचट्टा कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं के कारण होने वाले मुटेशन को कम कर सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। फंगस के विकास को रोक कर यह पैथोजेंस के विकास को रोक देता है ।