ओडिशा :– हाई कोर्ट ने एक आरोपी को सशर्त जमानत दी है, लेकिन उसकी जमानत की शर्ते लीक से हट कर के हैं। जिसकी वजह से आरोपी की जमानत सुर्खियों में है। दरअसल चोरी के आरोपी की जमानत की शर्तों में अपने गांव के आस-पास पौधारोपण की शर्त है। इसके अलावा कई अन्य शर्ते भी हैं, लेकिन कोर्ट की यह शर्त चर्चा का विषय बन गई है।
उड़ीसा उच्च न्यायालय ने चोरी के एक आरोपी को इस शर्त पर जमानत दी कि उसे अपने गांव और उसके आसपास कम से कम 200 पौधे लगाने होंगे। इतना ही नहीं, दो साल तक उनकी देखभाल भी करनी होगी। न्यायमूर्ति एस. के. पाणिग्रही ने झारसुगुड़ा जिले के निवासी मानस अती की जमानत याचिका सोमवार को मंजूर कर ली।
कोलाबीरा पुलिस ने पिछले साल 25 दिसंबर को एक बिजली आपूर्ति कंपनी के दो लाख रुपये से अधिक मूल्य के कम से कम 6 बिजली के खंभे चोरी करने के आरोप में मानस अती को गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत को कुछ शर्तों के साथ अती को जमानत देने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने आरोपी को हर पखवाड़े पुलिस के समक्ष पेश होने और किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल न होने तथा सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने को भी कहा।
उच्च न्यायालय ने स्थानीय पुलिस, वन और राजस्व अधिकारियों को पौधारोपण में अती की सहायता करने का निर्देश देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता (मानस अती) को अपने गांव के आसपास सरकारी भूमि, सामुदायिक भूमि या किसी निजी भूमि पर आम, नीम, इमली आदि स्थानीय किस्मों के 200 पौधे लगाने होंगे। अदालत ने जिला नर्सरी को अती को पौधे उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया और राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे पौधारोपण के लिए भूमि की पहचान करने में उसकी मदद करें। उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है कि इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी। कोर्ट के इस फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है। वहीं क्लाइमेट चेंज के मद्देनजर इस फैसले को काफी सराहा जा रहा है।