लंबी उम्र कौन नहीं जीना चाहता. लेकिन अगर हम कहें कि धरती पर एक देश ऐसा भी है, जहां अगर आप पैदा हुए तो 100 साल तक जीएंगे, तो शायद ही आप यकीन करेंगे. मगर ये सच है. एक मुल्क ऐसा है, जहां जीवन प्रत्याशा दर यानी लंबी उम्र जीने की दर 100 साल के आसपास हो गई है. इतना ही नहीं, यहां का हर 6ठां परिवार करोड़पति है. यहां के 90 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिनके पास अपना घर है. अनुमान तो यहां तक लगाया गया है कि 2030 तक दुनिया के सबसे ज्यादा करोड़पति इसी मुल्क में होंगे.
जी हां, हम बात कर रहे हैं सिंगापुर की. कभी गरीबी और गुलामी में पलने वाला सिंगापुर आज दुनिया के दौलतमंद देशों में खड़ा है. आज यहां के लोग मौज में जीते हैं. दुनिया में बहुत कम देश हैं, जहां लोगों के लंबी उम्र जीने की दर तेजी से बढ़ी हो, उसमें सिंगापुर पहले नंबर पर आता है. इसे आप ऐसे समझिए कि 1960 में अगर यहां कोई पैदा हुआ तो वह सिर्फ 65 साल तक जी सकता था. लेकिन अगर वह 2010 से 2020 के बीच पैदा हुआ है, तो उसकी औसत आयु 100 साल के करीब है. यही वजह है कि इसे दुनिया का छठां ब्लू जोन घोषित किया गया है. ब्लू जोन वो जगह होती है, जहां पैदा होने वाले लोग लंबी उम्र तक जिंदा रहते हैं.आखिर ऐसी स्थिति कैसे बनी?
? कैसे यहां का हर शख्स खुशहाली की जिंदगी गुजारने लगा? इसके पीछे सरकार की कोशिशें हैं. यहां की सरकार ने लोगों का जीवन स्तर सुधारने पर जमकर पैसा लुटाया. उनके स्वास्थ्य पर खूब खर्च किया.शराब और सिगरेट पर यहां जबरदस्त टैक्स है, इसलिए लोग इसका इस्तेमाल बेहद कम करते हैं. पब्लिक प्लेस पर तो आप शराब और सिगरेट पी भी नहीं सकते.यहां के लोग चीनी, नमक और नारियल का दूध से बने व्यंजन जमकर खाते हैं. हालांकि, अब चीनी की मात्रा घटाने की एक मुहिम चल रही है, ताकि डायबिटीज उन्हें परेशान न करे.सिंगापुर का हेल्थ सिस्टम दुनिया में अव्वल है. इस पर ज्यादातर खर्च सरकार करती है. मरीजों और उनके परिजनों को अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ते.
ज्यादातर मोहल्लों में बेस्ट हॉस्पिटल हैं.पब्लिक व्हीकल खूब चलते हैं, लोगों को अपनी कार बाहर निकालनी ही नहीं पड़ती. इससे प्रदूषण नहीं होता. चारों ओर ग्रीनरी आपको नजर आएगी.पैदल चलना और रोजाना एक्सरसाइज करना यहां के लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा है. उसके बिना ये कुछ काम नहीं करते. पार्क इतने सुंदर बने हुए हैं कि लोग वहां जाकर वक्त बिताना पसंद करते हैं.हालांकि यहां रहना सबके बस की बात नहीं. यह दुनिया के सबसे महंगे स्थानों में से एक है. पर कैपिटा जीडीपी के मामले में यह ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका जैसे सुपरपॉवर से भी बहुत आगे है.