रायपुर, 14 दिसंबर। शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज में चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विरोध में इस तरह से जमकर नारे की। बता दें कि शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज में हास्टल, कालेज में खुद की ओपीडी, स्टाइपेंड बढ़ाने और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू करने के वर्षों पुराने मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने शासन पर आरोप लगाए हैं कि उनके कालेज की लगातार उपेक्षा की जाती रही है। इसके चलते चिकित्सा छात्रों को कई सुविधाओं से आज भी वंचित होना पड़ रहा है। अव्यवस्था के बीच जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं। इसे लेकर छात्रों ने प्रभारी प्राचार्य डाक्टर रोहित राजपूत को मांग पत्र सौंपा। और शासन से जल्द से जल्द मांगों को पूरा करने की अपील की है। छात्रों ने बताया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी प्रदर्शन जारी रहेगा।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के एक मात्र शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज में 19 वर्ष बाद भी आधे मैनपावर काम चल रहा है। इसके चलते जहां शिक्षा प्रभावित हो रही। 20 पीजी की सीटों को लेकर भी राज्य सरकार ने प्रस्ताव को लटका दिया है। बता दें कि शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज की शुरुआत 2002 में हुई थी। इसमें 50 ग्रेजुएशन की सीटों के आधार पर ही पद स्वीकृत थे।
शुरुआती समय में आधे पदों पर ही भर्ती की गई। अब करीब दो दशक होने को है। कालेज की स्थिति ऐसी ही है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर प्राचार्य, प्राध्यापक फिजियाेथेरेपी, सहायक प्राध्यापक, प्रदर्शक, आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट जैसे कई पद अब तक भरे नहीं गए हैं। इधर जरूरत के आधार पर आर्थोपेडिक, रिलैबिटेशन, न्यूरोलाजी, कार्डियो रेस्पिरेटरी चार विभागों में प्रत्येक में पांच-पांच पीजी सीटों की अनुमति देनी है। लेकिन पीजी सीटों के लिए पहले प्रोफेसर, एसोशिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पदों पर भर्ती होना जरूरी है। इसे लेकर भी प्रस्ताव भेजा गया है।