मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार हर पंचायत में गौशाला घोषित करेगी।बढ़ती आबादी के चलते जगह की कमी के बाद चारागाह विकसित करने का प्रयास करेंगे। हम हर शहर हर पंचायत में ग्रीन कवर बढ़ाने हेतु पेड़ लगाने के लिए एक जगह सुनिश्चित और सुरक्षित करेंगे। इन तय स्थानों पर लगाये जाने वाले पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पंचायतों की होगी। हमारी जीडीपी ‘ग्रॉस एंवायरनमेंट प्रोडक्ट’ के बिना अधूरी है।
यहां की खनिज संपदा, वन को मिलाकर अब जीडीपी तय की जाएगी। मध्यप्रदेश सरकार ने इसी तारतम्य में ग्रीन इनिशियेटिव शुरू किया है।भोपाल में गोवर्धन पूजन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत ने हजारों साल पहले कहा कि प्रकृति का दोहन करो, शोषण मत करो। प्राकृतिक असंतुलन के कारण अनेक समस्याएँ आज आ रही हैं।उन्होंने कहा कि आज गाँव-गाँव में जाओ तो लोग पानी की बोतल सामने रख देते हैं। लोग दो घूंट पानी पीते हैं और बाकी फेंक देते हैं। हम जितना पानी पीयें, उतना ही लें। बिजली की सब्सिडी देने में सरकार के 24,000 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं।
यह आपका ही पैसा है, अगर सभी सोच लें कि जितनी बिजली चाहिए, उतनी ही जलाएंगे, तो लगभग 4,000 करोड़ रुपये हम बचा सकते हैं। हम प्रयास करेंगे कि मध्यप्रदेश ग्रीन सिटी इंडेक्स में भी प्रथम आए। मध्यप्रदेश में 1.87 करोड़ से ज्यादा गोवंश है। मैं सम्पूर्ण समाज से अपील करता हूँ कि हम गोवंश बचाने के लिए प्रयास करें। मध्यप्रदेश में अभी 1,700 गौशालाएँ हैं, 1,404 पूरी हो गई हैं। 1,800 गौशाला हम बना रहे हैं। गोवर्धन योजना के तहत गैस और सीएनजी के निर्माण के लिए इंदौर में प्रयास चालू हो गया है। अगर ढंग से गौशाला चलाएँ तो गौशाला आत्मनिर्भर बन जाएंगी।
सीएम बोले, एक जमाना होता था जब लोग शेरों का शिकार करते थे और रिकॉर्ड बताते थे कि उन्होंने कितने शेर मारे, जब शेर खत्म हो गए तो वाइल्डलाइफ बोर्ड बना अब कहां जा रहा है शेर लाओ, तेंदुआ लाओ, किसान कह रहे हैं कि इन जानवरों से हमारी फसल बचाओ। ये सब प्रकृति के असंतुलन के कारण हो रहा है।*कटनी, सिंगरौली, ग्वालियर के पटाखा प्रतिबंध पर बोले सीएम*सीएम शिवराज ने कटनी, सिंगरौली, ग्वालियर में कलेक्टरों द्वारा पटाखा फोड़ने पर लगाये गए प्रतिबंध का जिक्र भी किया।
दिवाली पर पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंधों के आदेशों पर सीएम ने कहा कि अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने पटाखे न फोड़ने की सलाह दी लेकिन जिन लोगों को नहीं मानना था उन्हें खूब पटाखे फोड़े अकेले दीवाली में ही नहीं बल्कि हमें अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण को बचाने के लिए परिवर्तन लाना जरूरी है। उन्होंने अपील की कि सरकार के साथ साथ नागरिकों का भी कर्तव्य है कि अपने गौवंश की चिंता करे, सड़को पर खुला न छोड़ें। एक पौधा जरूर लगाएं। कार्बन गैसों के उत्सर्जन से यदि धरती को बचाना है, तो अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा। अपने जन्मदिन या किसी शुभ अवसर पर एक पौधा जरूर लगाना चाहिए।