नई दिल्ली:– 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट 2025 पेश किया जाएगा। इस बजट में किसानों, युवाओं, महिलाओं और बैंक लोन से संबंधित कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ होने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य देश के विकास को गति देना और समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुँचाना है।
इस बजट में कृषि क्षेत्र, रोजगार सृजन, महिला सशक्तीकरण और MSME सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी कई नई पहलों की घोषणा हो सकती है। यह बजट भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
बजट 2025 की मुख्य विशेषताएँ
विवरण प्रावधान
कृषि और ग्रामीण विकास ₹2.66 लाख करोड़
महिला सशक्तीकरण ₹3 लाख करोड़
शिक्षा और कौशल विकास ₹1.48 लाख करोड़
MSME और निर्माण ₹1.52 लाख करोड़
इन्फ्रास्ट्रक्चर ₹11.11 लाख करोड़
स्वास्थ्य क्षेत्र ₹89,287 करोड़
PM-KISAN योजना 11.8 करोड़ किसानों को लाभ
फसल बीमा योजना 4 करोड़ किसानों को कवरेज
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किसानों के लिए योजनाएँ
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इस बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की जा सकती हैं:
PM-KISAN योजना: 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
फसल बीमा योजना: 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलेगा।
प्राकृतिक खेती: 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।
कृषि अनुसंधान: 109 नई जलवायु-प्रतिरोधी फसल किस्में जारी की जाएंगी।
Digital Public Infrastructure: किसानों और उनकी भूमि के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा।
युवाओं के लिए रोजगार और स्किलिंग प्रोग्राम
युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
स्किलिंग प्रोग्राम: 20 लाख युवाओं को 5 वर्षों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
इंटर्नशिप स्कीम: 1 करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा।
शिक्षा लोन: घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक का लोन दिया जाएगा।
Industrial Training Institutes: 1,000 ITI को अपग्रेड किया जाएगा।
Employment Linked Incentive: नए कर्मचारियों के लिए EPFO योगदान में छूट दी जाएगी।
महिला सशक्तीकरण की पहल
महिलाओं के विकास और सशक्तीकरण के लिए कई योजनाएँ घोषित की जा सकती हैं:
महिला सशक्तीकरण: 3 लाख करोड़ रुपये की योजनाएँ लागू की जाएंगी।
कार्यशील महिला हॉस्टल: उद्योगों के सहयोग से कार्यशील महिला हॉस्टल की स्थापना की जाएगी।
लखपति दीदी योजना: 83 लाख स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाया जाएगा।
Women-led Development: महिलाओं के नेतृत्व में विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
क्रेच सुविधा: कार्यस्थलों पर क्रेच सुविधा का विस्तार किया जाएगा।
MSME और बैंक लोन में सुधार
MSME सेक्टर और बैंक लोन में कई बदलाव किए जा सकते हैं:
मुद्रा लोन: लोन की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख की जाएगी।
क्रेडिट गारंटी स्कीम: MSME के लिए नई क्रेडिट गारंटी स्कीम शुरू की जाएगी।
टेक्नोलॉजी सपोर्ट: MSME के लिए टेक्नोलॉजी सपोर्ट पैकेज दिया जाएगा।
SIDBI: MSME क्लस्टर्स में 24 नई शाखाएँ खोली जाएंगी।
TReDS प्लेटफॉर्म: MSME के लिए TReDS प्लेटफॉर्म का विस्तार किया जाएगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण विकास
इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
PM ग्राम सड्क योजना: 25,000 ग्रामीण बस्तियों को ऑल-वेदर कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश: ₹11.11 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा।
राज्यों को सहायता: राज्यों को ₹1.5 लाख करोड़ की ब्याज मुक्त ऋण सहायता दी जाएगी।
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण: सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
टूरिज्म: पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए विशेष योजनाएँ लागू की जाएंगी।
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शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई नई पहलें की जा सकती हैं:
शिक्षा बजट: ₹1.48 लाख करोड़ का आवंटन किया जाएगा।
स्वास्थ्य बजट: ₹89,287 करोड़ का आवंटन किया जाएगा।
डिजिटल शिक्षा: डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर: नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोले जाएंगे।
टेलीमेडिसिन: ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
डिजिटल इंडिया और इनोवेशन
डिजिटल इंडिया और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर: कृषि और अन्य क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी।
स्पेस इकोनॉमी: अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
क्रिटिकल मिनरल मिशन: महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब: ई-कॉमर्स के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा।
स्टार्टअप इकोसिस्टम: स्टार्टअप के लिए एंजल टैक्स में छूट दी जाएगी।
ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण
ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई पहलें की जा सकती हैं:
एनर्जी ट्रांजिशन: नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा।
पंप्ड स्टोरेज पॉलिसी: जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।
न्यूक्लियर एनर्जी: छोटे और मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टरों पर शोध किया जाएगा।
थर्मल पावर प्लांट: अत्याधुनिक अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे।
हार्ड टू अबेट इंडस्ट्रीज: प्रदूषण कम करने वाली तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
टैक्स रिफॉर्म और आर्थिक सुधार
टैक्स सिस्टम में सुधार और आर्थिक विकास के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:
स्टैंडर्ड डिडक्शन: ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 किया जाएगा।
फैमिली पेंशन डिडक्शन: ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 किया जाएगा।
कैपिटल गेन्स टैक्स: कैपिटल गेन्स टैक्स को सरल बनाया जाएगा।
GST: GST प्रणाली में और सुधार किए जाएंगे।
फिस्कल डेफिसिट: वित्तीय घाटे को 4.9% तक सीमित रखने का लक्ष्य होगा।