मध्यप्रदेश:- द्रोपदी मुर्मु, उज्जैन आने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं। उनके पहले क्रमश: रामनाथ कोविन्द, प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल, केआर नारायणन, शंकरदयाल शर्मा, आर वेंकटरमन, ज्ञानी जेल सिंह, डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डा. राजेन्द्र प्रसाद उज्जैन आ चुके हैं।
दरअसल, ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन की अभिलाषा और अखिल भारतीय कालिदास समारोह की ख्याति राष्ट्रपतियों को उज्जैन की ओर आकर्षित करती आई है। पिछली बार 29 मई 2022 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आए थे। उनके साथ पत्नी सविता और बेटी स्वाति भी आईं थीं।
वे अपने विवाह की 48वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले कालिदास संस्कृत अकादमी में रखे अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे। तीनों ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह से ज्योतिर्लिंग महाकाल का अभिषेक-पूजन किया था।
पहली उज्जैन यात्रा
दो वर्ष बाद अब द्रौपदी मुर्मु आ रही हैं। ये उनकी पहली उज्जैन यात्रा है, जिसमें में महाकालेश्वर मंदिर में अभिषेक-पूजन करेंगी और स्वच्छता पखवाड़ा अंतर्गत मंदिर परिसर में श्रमदान करेंगीं।
महाकाल महालोक का भ्रमण कर यहां पाषण से भगवान शिव और सप्त ऋषि की मूर्तियां बना रहे पुरी के शिल्पकार अक्षय महाराणा, आदित्य महाराणा, ईश्वरचंद्र महाराणा, प्रमोद ओझा से संवाद करेंगी। इसके पहले वे होटल रुद्राक्ष में रखे सफाई मित्रों के सम्मान समारोह में शामिल होंगी।
यहीं 735 करोड़ रुपये से बनने वाले उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन मार्ग का पूजन करेंगी। वे तकरीबन तीन घंटे उज्जैन में रहेंगीं। दोपहर 1 बजे हेलिकाप्टर से इंदौर एयरपोर्ट प्रस्थान करेंगी।
केआर नारायण आए थे तब नगर भ्रमण पर गए थे भगवान महाकाल
पूर्व राष्ट्रपति केआर नारायण जब महाकाल मंदिर में पूजन-अभिषेक करने आए थे तब भगवान महाकाल नगर भ्रमण पर रामघाट पहुंच गए थे। दरअसल वो दिन महाकाल सवारी का था। मामला तब काफी चर्चित हुआ था।