
शिक्षा क्षेत्र ख्यातिलब्ध संस्था ईईसी ज्यूरी मेंबर्स विभिन्न पैरामीटर्स फीडबैक चयन आमंत्रित वक्ताओं में देंगे प्रायोगिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विषय पर वक्तव्य समयानुरुप आधुनिक मानसिक सशक्त नहीं किया तो प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाएँग-डॉ संजय गुप्ता
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आधुनिक समय की माँग है चाहे कोई क्षेत्र हो गुणवत्ता की माँग हर जगह है शिक्षा में गुणों का विकास समावेश करना है जिसमें छात्रों एवं शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति भली-भांति हो सके। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में प्रायः उसी शिक्षा का समावेश होता है जो शिक्षण-अधिगम में छात्रों की रुचि क्षमताओं को समझे समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करें छात्रों में नैतिकता का विकास करने के साथ ही जीविकोपार्जन यांग्य बनाए। कहा जाता है सीखने सिखाने की कोई उम्र नहीं होती।सीख एक अनवरत चलने वाली प्रक्रिया होती है इसी श्रृंखला में पहला नाम शिक्ष है सीखने सीखाने का क्रम शिक्षा के पायदानों को क्रमशः स्पर्श किए बिना असंभव है। प्रकृति में सर्वत्र शिक्षा बिखरी हुई है जरूरत है सिर्फ एक सही सोच मार्गदर्शन की । जिसने प्रकृति को निकट से जानने समझने का प्रयास किया शिक्षा रूपी फलक पर वह व्यक्तित्व अवश्य प्रकाशित हुआ है ।
बताते चलें उपरोक्त सभी बातों को अक्षरशः सत्य साबित करते हुए आई. पी.एस. दीपका ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता का इस्टीम्ड अवार्डी 2023 के रुप में टॉप 100 प्रिंसिपल अवार्ड के रुप में चयन किया गया दीपका के लिए बेशक यह गौरव की बात है विद्यालय शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता को विशेष रूप से इस्टीम्ड अवार्डी हेतु टॉप 100 प्रिंसिपल अवार्ड के रुप में चयन किया गया इस समारोह में जहाँ देशभर के ख्यातिलब्ध शिक्षाविद्,विचारक,क्रिएटर्स इत्यादि सम्मिलित होकर अपने अपने विचार ‘द ज्वाय ऑफ लर्निंग थ्रू प्रेक्टिकल एक्सपीरिएंस विषय पर प्रस्तुत करेंगें वहीं दूसरी ओर उपरोक्त विषय पर अपने मूल्यवान विचार साझा करने हेतु विशेष आमंत्रित वक्ताओं में शामिल हैं ।प्रायोगिक अनुभव द्वारा सीखने आनंद विषय पर विचार प्रस्तुत करेंगें बताएंगे समय अनुरुप हम शिक्षा में यदि आधुनिकता का समावेश नहीं करेंगे तो बच्चे किसी प्रतिस्पर्धा योग्य नहीं बन पाएँगे माँग को देखते हुए शिक्षा में विज्ञान का समावेश करना साथ ही विद्यार्थियों में नैतिकता का विकास करने हेतु विद्यालय में ही व्यावहारिक रुप में क्रियाकलाप कर सकते हैं। ।
गौरतलब है कि यह पूरा कार्यक्रम एजुकेशन एक्सीलेंश कान्क्लेव तहत एक उपदेश मीडिया के सौजन्य जयपुर,राजस्थान के हॉटल रॉयल आर्किड में आयोजित किया जाएगा । भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एक उपदेश मीडिया उसकी सहयोगी संस्था सीईडी फाउंडेशन,एनईपी पार्टनर,क्रेडो लर्नर,मेटा लर्निंग पार्टनर नामचीन संस्थाओं के तय मापदंडों पर खरा उतरते हुए डॉ0संजय गुप्ता इस्टीम्ड अवार्डी के रुप में टॉप 100 प्रिंसिपल अवार्ड के लिए चयनित होकर पुनः साबित कर दिया प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती।प्रतिभा अपनी काबिलियत की सुषमा बिखेरती है।
डॉ. गुप्ता ने कहा यदि स्वयं को समयानुरुप आधुनिक तरीके मानसिक रुप से सशक्त नहीं किया तो हम प्रतिस्पर्धा में काफी पीछे रह जाएँगे। समझना होगा हम विद्यार्थियों में रुचि कैसे जागृत करें।दुनिया इंटरनेट के कारण विस्तृत संकुचित दोनों हो रही अपितु इंटरनेट के सदुपयोग से अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं मात्र एक क्लिक सामने जानकारी का भंडार होता है इंटरनेट का सतत समावेश कर विद्यार्थियों के ज्ञान संपुष्ट कर सकते हैं।विद्यार्थियों के करके सीखने पर जोर देना होगा,जिससे यह ज्ञान उनके लिए शाश्वत रहे।तात्पर्य यह कि विज्ञान आध्यात्म के समावेश बेहतर भावी कर्णधारों का निर्माण कर सकते हैं।सुनिश्चित तौर सर्वत्र प्रतियोगिता का माहौल प्रतिस्पर्धा का वातावरण है ।
हमें ज्ञान को यदि ताउम्र ग्रहण,करना है तो हमें करके आनंदित होकर सीखने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ।पूरी रूचि से ज्ञान को ग्रहण करते हैं तो सारी जिंदगी नहीं भूलते।प्रत्येक क्षेत्र में अधिकतम प्रयोग तनाव दबाव मुक्त शिक्षा पर जोर देना चाहिए ।डॉ. संजय गुप्ता ने कहा सीखने का वातावरण विद्यालय में सर्वत्र रहता है जरूरत है सिर्फ विद्यार्थियों में रूचि जागृत कर उनकी प्रतिभा को तरासने की । संपूर्ण विद्यालय परिवार डॉ. संजय गुप्ता को इस उपलब्धि हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित की है ।