नई दिल्ली। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में अत्यंत भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने हत्या के एक मामले को लेकर अपनी चुनाव सभा में सीधे कहा, ” भूपेश बघेल सरकार ने तुष्टिकरण के लिए, वोट बैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुवनेश्वर साहू को लिंचिंग करवाकर मार दिया। भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगे और इसके प्रतीक के रूप में उनके पिता ईश्वर साहू को चुनाव मैदान में उतारा है।”
अमित शाह का यह बयान ना केवल आपत्तिजनक है बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य शांत प्रदेश छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़काना है। गृह मंत्री ने चुनावी फ़ायदे की नीयत से उन्माद भड़काने के लिए यह बयान दिया है। उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल झूठ है। हक़ीक़त यह है कि हिंसा और प्रति हिंसा के इस मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी और आरोपियों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा था। लेकिन छत्तीसगढ़ में साफ़ दिख रही अपनी हार से बौखलाए अमित शाह अब सांप्रदायिकता का सहारा लेना चाहते हैं। इस मामले में अब आचार संहिता के बीच पहली ज़िम्मेदारी सीधे चुनाव आयोग की है। वह इस भड़काऊ बयान का संज्ञान ले और अमित शाह के विरुद्ध मामला दर्ज़ कर उचित कार्रवाई करे। ऐसा न हुआ तो आशंका है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा आगे भी अपने चुनाव अभियान में सांप्रदायिकता फ़ैलाने से बाज नहीं आयेगी।