नई दिल्ली:- भारतीय रेलवे से हर रोज करोड़ों लोग यात्रा करते हैं. रेलवे हजारों की संख्या में यात्रियों के लिए ट्रेनें चलाता है. रेलवे का सफर सुविधाजनक, किफायती और सहूलियत भरा होता है. इसी वजह से अधिकतर लोग दूर के सफर के लिए ट्रेंनों को चुनते हैं. ट्रेन में सफर करने के दो तरीके हैं- एक रिजर्व्ड कोच में और एक अनरिजर्व्ड कोच में. रिजर्व्ड कोच में आपको सफर के दौरान, बैठने और सोने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है.
टिकट बुक करते समय न करें लापरवाही
अधिकांश लोग रिजर्व्ड कोच में ही रिजर्वेशन करवाते हैं. लोग 60 दिन पहले ही टिकट बुक करवा लेते हैं. मगर जब यात्रा का वक्त पास में आता है तो टिकट कैंसिल करना पड़ जाता है. ध्यान देने वाली है कि लापरवाही के कारण लोग गलत तरीके से टिकट बुक करते हैं, जिस वजह से उन्हें रिफंड नहीं मिलता. आइये हम आपको बताते हैं रिफंड से जुड़े जरुरी नियम.
अगर ऐसा किया तो नहीं मिलेगा कोई रिफंड
रेलवे के अनुसार, ट्रेन के चलने से चार घंटे पहले रिजर्वेशन डिब्बे का चार्ट बनाया जाता है. जैसे- किसे कहां सीट मिलेगी. अगर आप चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिल करते हैं तो आपको रिफंड नहीं मिलेगा. यानी ट्रेन चलने से चार घंटे पहले अगर आप टिकट बुक करवाते हैं तो आपको रिफंड मिल जाएगा.
इस केस में भी टिकट कैंसिल करने पर रिफंड नहीं देता रेलवे
अगर तत्काल बुकिंग के सहारे आपको कंफर्म सीट मिली है और आप उस टिकट को कैंसिल करवाते हैं तो रेलवे की ओर से आपको कोई रिफंड नहीं मिलता है. तत्काल टिकट अगर कंफर्म नहीं होती है तो रेलवे खुद ही आपका टिकट कैंसिल कर देती है. ऐसे में सर्विस चार्ज काटकर आपको पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाता है. आप अगर खुद कंफर्म तत्काल टिकट को कैंसिल करते हैं तो आपको कुछ नहीं मिलेगा.