अयोध्या: अयोध्या में 22 जनवरी को सदियों का इंतजार जैसे ही खत्म हुआ कि लोगों ने दिल खोलकर रामलला की मंदिर में दान करना शुरू कर दिया है। हर दिन इतने कैश चढ़ावा के रूप में आ रहे हैं कि भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारी थक जा रहे हैं। इसके लिए बैंक को स्टाफ को बढ़ाना ही पड़ा है, साथ ही कैश गिनने के लिए ऑटोमैटिक मशीनों की संख्या भी बढ़ानी पड़ गई है। एसबीआई ने राम मंदिर की शाखा में चार नई ऑटोमैटिक मशीनों को इंस्टाल किया है।
आपको बता दें कि राम मंदिर की 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक महीने में 25 किलोग्राम सोने और चांदी के आभूषण सहित लगभग 25 करोड़ रुपये का दान मिला है। राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 25 करोड़ रुपये की राशि में चेक, ड्राफ्ट और मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय में जमा की गई नकदी के साथ-साथ दान पेटियों में जमा राशि भी शामिल है। उन्होंने बताया, ”हालांकि हमें ट्रस्ट के बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से भेजे गए धन के बारे में जानकारी नहीं है।”
प्रकाश गुप्ता ने कहा, “23 जनवरी से अब तक लगभग 60 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।” उन्होंने बताया,”राम भक्तों की भक्ति ऐसी है कि वे रामलला के लिए चांदी और सोने से बनी वस्तुएं दान कर रहे हैं, जिनका उपयोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर में नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद, भक्तों की भक्ति को देखते हुए, राम मंदिर ट्रस्ट सोने और चांदी से बनी सामग्री,आभूषण, बर्तन और दान स्वीकार कर रहा है।”
मंदिर ट्रस्ट को रामनवमी उत्सव के दौरान दान में वृद्धि की उम्मीद है,क्योंकि उस समय लगभग 50 लाख भक्तों के अयोध्या आने की संभावना हैं। गुप्ता के मुताबिक, उम्मीद है कि रामनवमी के दौरान चंदे के रूप में बड़ी मात्रा में नकदी मिल सकती है जिसके मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक ने राम जन्मभूमि पर चार ऑटेमेटिक मशीनें लगाई हैं।
उन्होंने कहा, “ट्रस्ट द्वारा रसीदें जारी करने के लिए एक दर्जन कम्प्यूटरीकृत काउंटर बनाए गए हैं और राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में अतिरिक्त दान पेटियां रखी जा रही हैं।” गुप्ता ने बताया, ”जल्द ही राम मंदिर परिसर में एक बड़ा और सुसज्जित गणना कक्ष बनाया जाएगा।”
मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि रामलला को उपहार स्वरूप मिले सोने-चांदी के आभूषणों और बहुमूल्य सामग्रियों के मूल्यांकन के लिए उन्हें पिघलाने और रख-रखाव की जिम्मेदारी भारत सरकार टकसाल को सौंपी गई है। मिश्रा ने बताया कि इसके साथ ही भारतीय स्टेट बैंक और ट्रस्ट के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौता ज्ञापन के अनुसार, स्टेट बैंक दान, चेक, ड्राफ्ट और नकदी एकत्र करने और इसे बैंक में जमा करने की पूरी जिम्मेदारी लेगा। मिश्रा ने बताया कि स्टेट बैंक की टीम ने कर्मियों की संख्या बढ़ाकर अपना काम शुरू कर दिया है और रोजाना दो पालियों में दान की गई नकदी की गिनती की जा रही है ।